उत्तर नारी डेस्क
जीवन का नियम है कि जो संघर्ष करता है, वह काफी ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है और इसे सही साबित कर दिखाया है। कोटद्वार के रहने वाले अनुराग चंदोला ने जिन्होंने शहर की 35 लाख रुपये सालाना नौकरी छोड़ गांव लौटकर किसान बन मेहनत कर खेती में सब्जियां उगाकर हर साल लाखों की कमाई की हैं।
आपको बता दें, कोटद्वार के रहने वाले इंजीनियर अनुराग चंदोला ने कुछ साल पहले जॉब छोड़ दी थी और वह उत्तराखण्ड लौट आए और यहां खेती करने की सोची, अनुराग के लिए खेती की राह आसान नहीं थी पर फिर भी उन्होंने कोटद्वार में लगभग 30 बीघा जमीन लीज़ पर ली और खेती की। जिसके बाद अनुराग ने कड़ी मेहनत कर पहले ही प्रयास में करीब 30 टन पैपरिका, 15 टन एलपीनो और डेढ़ टन काली हल्दी का उत्पादन किया और आज वो सब्जियां उगाकर हर साल लाखों कमा रहे हैं। जिसके बाद उन्हें देखकर क्षेत्र के दूसरे युवा भी खेती के लिए प्रेरित होकर आगे बढ़कर आ रहे हैं।
जानकारी अनुसार, अनुराग अपने गृहक्षेत्र में नींबू-अमरूद के साथ पैपरिका व एलपीनो मिर्च और औषधीय गुणों से भरपूर काली हल्दी का उत्पादन कर रहे हैं।अनुराग ने बताया कि जुलाई 2021 में अनुराग ने जॉब छोड़ दी और घर लौटकर खेती करने की तैयारी कर ली। जिसके बाद उन्होंने कोटद्वार में 30 बीघा भूमि लीज पर ली। उसमें नींबू और अमरूद के पौधे लगाए। बाद में उन्होंने आधुनिक खेती की ओर बढ़ते हुए वर्ष 2023 की शुरुआत में करीब 10 बीघा में पैपरिका, छह-छह बीघा में एलपीनो व पार्सले और चार बीघा में काली हल्दी की खेती शुरू कर दी। मेहनत रंग लाई और पहले ही प्रयास में अनुराग ने करीब 30 टन पैपरिका, 15 टन एलपीनो और डेढ़ टन काली हल्दी का उत्पादन किया।
इसके साथ ही अनुराग अब अपने खेतों में कैलोमाइल भी उगा रहे हैं। वहीं, पारंपरिक खेती करने वाले काश्तकार भी अब अनुराग से नकदी फसल उगाने के गुर सीख रहे हैं। अनुराग ने कड़ी मेहनत से न सिर्फ अपने फैसले को सही साबित किया, बल्कि खुद के साथ-साथ कई परिवारों को आय का नया जरिया भी दिया। आज वो क्षेत्र के युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं। बता दें, 37 साल के अनुराग पौड़ी के थापली गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बीटेक करने के बाद लखनऊ से एमबीए किया। साल 2014 में वो दिल्ली की एक बड़ी कंपनी में जॉब करने लगे।
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