उत्तर नारी डेस्क
कहते हैं हुनर ना संसाधन का मोहताज होता है और ना ही शरीरिक कमी का। ये कहावत उत्तराखण्ड के शमशेर सिंह सही साबित कर दिखाई है। शमशेर सिंह के पास इंजीनियर की डिग्री नहीं है फिर भी वह किसी कुशल इंजीनियर की तरह मशीनें बना देते हैं। शमशेर केवल अपने काम से ही लोगों के साथ संवाद कर पाते हैं क्योंकि वह बचपन से मूक बधिर है।
जानकारी के अनुसार, शमशेर सिंह ग्राम रायां (गोलगांव) बांसबगड़ तहसील तेजम/ मुनस्यारी जिला पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं। शमशेर सिंह आर्थिक तंगी की वजह से केवल कक्षा 8 तक ही पढ़ाई कर सके। उनके पिताजी का भी देहांत हो चुका है। वह मेहनत मजदूरी करके अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। शमशेर सिंह को इलेक्ट्रिक से जुड़े कामों में बेहद दिलचस्पी हैं। जिसका नतीजा है कि उन्होंने कई रिमोट से चलने वाले उपकरण भी बनाए हैं। यही नहीं उन्हें जब भी वक्त मिलता है, वो नए-नए प्रयोग करते हैं। शमशेर सिंह ने अपने काम से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए हैं। उनके हुनर की वीडियो को जरूर देखें।
बता दें, गांव के लोगों का कहना है कि अगर शमशेर सिंह को सही उपचार और आर्थिक सहायता मिलती तो वह जरूर उत्तराखण्ड का नाम रोशन करता। गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण शमशेर को सही इलाज नहीं मिल पाया। लेकिन उन्हें उचित उपचार की जरूरत है ताकि वो कुछ बोल और सुन पाए। वहीं, इन दिनों शमशेर रुद्रपुर (दिनेशपुर) में हैं और ऑटोमोबाइल से जुड़ा काम सिखने का प्रयास कर रहे हैं। अगर आप में से कोई भी शमशेर सिंह की सहायता के लिए आगे आना चाहता है तो 94114 24613 पर संपर्क कर सकते है।
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