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उत्तराखण्ड में भारी बारिश से पहाड़ से मैदान तक जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई संपर्क मार्ग बंद

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड में पहाड़ से मैदान तक हों रही मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो रखा है। भूस्खलन और मलबा आने से जगह-जगह रास्ते बंद हैं। शहरी क्षेत्रों में जलभराव से हालात मुश्किल हो गए हैं। वहीं, मौसम को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ समेत सभी सुरक्षा बल और प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है।  

बता दें, कि लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते चमोली के नीति घाटी में जोशीमठ- नीती मार्ग पर जुम्मा गांव के नजदीक सीमांत गांवों को जोड़ने वाला पुल बह गया है। जिससे द्रोणागिरी, जेलम, कागा, नीती, मलारी, समेत कई गांवों का संपर्क टूट गया है। प्रशासन इस मामले मे पूरी नजर बनाए हुए है और अस्थायी पुल बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी मलबा आने से अवरुद्ध हुआ था। जिसे फिलहाल सुचारू कर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के 16 लिंक मार्ग बाधित हैं। चमोली में कल भी सभी शैक्षिक संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है। अल्मोड़ा में तेज बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। कुछ नालों के टूटने की सूचना है। जिससे उनका पानी सड़को पर आ रहा है। इससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। 

पिथौरागढ़ के धारचूला में भारी बारिश के चलते कुछ घर ढह गए हैं। राहत बचाव कार्य के लिए वहां एनडीआरएफ की एक टीम की तैनाती की गई है। चम्पावत जिले में लगातार बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई स्थानों पर ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित हैं। जिलाधिकारी नरेंद्र भण्डारी ने बताया कि रास्ते में फंसे लोगों को खाने-पीने की वस्तुएं मुहैया कराई जा रही हैं। बागेश्वर में जगह-जगह सड़कों पर मलबा आने से आवाजाही बाधित हो रही है। यहां एक मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों को सचेत किया गया है। कुछ गांवों में बिजली और संचार सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। इसके साथ ही कोटद्वार में बारिश से तीनों प्रमुख नदियां  खोह, सुखरो और मालन में बाढ़ की स्थिति बन गई है। वहीं, देहरादून में जगह-जगह जलभराव हो गया है।


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