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देहरादून : नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से टापू पर फंसे 10 लोग, रेस्क्यू टीम ने ऐसे बचाई जान

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड के कई हिस्सों में बीती रात हुई भारी बारिश से जन-जीवन पर असर पड़ा है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति देहरादून और मसूरी के बीच के क्षेत्र में हुई, जहां बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए और कई जगह पुश्ते बह गए। सहस्त्रधारा, मालदेवता क्षेत्र समेत विभिन्न इलाकों में बीती रात सड़कों पर कई फीट पानी बहने लगा। पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों से आवाजाही कराई। नदी-नालों के किनारे मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया गया। देहरादून जिले में सौंग, सुसवा, रिस्पना, बिंदाल और टौंस नदियों ने रात रौद्ररूप दिखाया। तपोवन-आईटी पार्क बाईपास स्थित पुलिया नदी के उफान में ढह गई। टौंस का जलस्तर बढ़ने से कैंट क्षेत्र में स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर और आसपास के कई फीट ऊंचाई वाले क्षेत्र में भी नदी बहने लगी। 

प्रेमनगर क्षेत्र में दो युवक और सेलाकुई थाना क्षेत्र में नदियों का जलस्तर एकाएक बढ़ जाने से 10 लोग टापुओं पर फंस गए। रस्सों, जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद से पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और फायर सर्विस के जवानों ने इन सभी लोगों को देर रात रेस्क्यू कर लिया। प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज सुबह अपने विधानसभा क्षेत्र में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों को तात्कालिक राहत राशि के चेक वितरित किए। इस बीच, कल शाम से देवप्रयाग क्षेत्र के अटाली में मलबा और बोल्डर आने से बंद ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग, एनएच-58 को दोपहर मे हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया। 

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