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कोटद्वार में पैर पसार रहा डेंगू, 5 लोगों पर हुई पुष्टि

उत्तर नारी डेस्क 

इन दिनों कोटद्वार में डेंगू के मच्छरों का खतरा बना हुआ है। जरा सी लापरवाही के चलते डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं। वहीं, उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार क्षेत्र में भी डेंगू के मरीज बढ़ने लगे हैं। 

आपको बता दें, बीते बुधवार को 12 लोगाें के रैपिड एंटीजन टेस्ट में पांच लोगों पर डेंगू की पुष्टि हुई है। जिससे अब राजकीय बेस अस्पताल में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। सभी मरीजों को डेंगू वार्ड में भर्ती कर उनका उपचार शुरू कर दिया गया है।

बेस अस्पताल से मिली जानकारी, अनुसार सोमवार को आठ डेंगू संदिग्ध लोगों की रैपिड एंटीजन जांच की गई थी, जिसमें दो लोग पॉजिटिव आए थे। मंगलवार को पांच लोगों की जांच हुई जिसमें एक भी पॉजिटिव नहीं आया, लेकिन बुधवार को 12 डेंगू संदिग्ध लोगों की रैपिट एंटीजन जांच करने के बाद पांच लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

डेंगू क्या है ?

डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। 

डेंगू के लक्षण :- सिर दर्द

मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द

जी मिचलाना

उल्टी लगना

आंखों के पीछे दर्द

ग्रंथियों में सूजन

त्वचा पर लाल चकत्ते होना

तीन प्रकार के बुखार होते हैं, जिनसे व्यक्ति को खतरा होता है, जो इस प्रकार हैं – हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम।

हल्का डेंगू बुखार - इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं।

डेंगू रक्तस्रावी बुखार - लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो सकते हैं।

डेंगू शॉक सिंड्रोम - यह डेंगू का एक गंभीर रूप है और यहां तक कि यह मौत का कारण भी बन सकता है।

डेंगू का उपचार:- टायलेनोल या पैरासिटामोल जैसी दर्द निवारक दवाएं आमतौर पर रोगियों को दी जाती हैं। गंभीर डिहाइड्रेशन के मामले में कभी-कभी आईवी ड्रिप्स प्रदान की जाती हैं।

हाइड्रेटेड रहें : यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे शरीर के अधिकांश तरल पदार्थों का उल्टी और तेज बुखार के दौरान ह्रास हो जाता है। तरल पदार्थों के लगातार सेवन से यह सुनिश्चित हो जाता है कि शरीर आसानी से डिहाइड्रेट नहीं होगा।

स्वच्छता : स्वच्छता का अत्यधिक महत्व है, तब तो और भी ज्यादा जब आप स्वस्थ नहीं होते हैं। मरीज यदि नियमित स्नान नहीं कर सकता तो स्पंज से स्नान का विकल्प चुन सकता है। नहाने के लिए उपयोग किए जा रहे पानी में डेटॉल जैसे कीटाणुनाशक तरल की कुछ बूंदें मिलाएं। यह भी सलाह दी जाती है कि अस्पताल में मरीज को देखने से पहले और बाद में डेटॉल जैसे किसी हैंड सैनिटाइजर से अपने हाथ साफ करें। कपड़ों के रोगाणुओं से छुटकारा पाने के लिए रोगी के कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पानी को डेटॉल से कीटाणुरहित करें। 


यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित हुई नेहा बडोला, गंगा में माइक्रोप्लास्टिक पर कर रहीं शोध

उत्तराखण्ड के युवा आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं हैं जहां उत्तराखण्ड के युवाओं ने अपनी सफलता से परचम न लहराया हो। इन्हीं में से एक है नेहा बडोला, जिन्हें प्लांटिंका एसोसिएशन ऑफ प्लांट साइंस रिसर्च द्वारा आयोजित छठवें प्लांटिका एकेडमिक एंड रिसर्च अवार्ड 2023 के अंतर्गत यंग साइंटिस्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।नेहा बडोला हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की शोध छात्रा हैं। वो हिमालय एक्वेटिक बायोडॉयवर्सिटी विभाग से जुड़ी हुई हैं। नेहा बडोला को गंगा नदी में माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण पर किए जा रहे उनके शोध कार्य के लिए सम्मानित किया गया है। 

बता दें, नेहा बडोला का यह शोध हाल ही में प्रतिष्ठित साइंस ऑफ द टोटल एनवॉयरमेंट पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। नेहा की इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय में खुशी की लहर है। वहीं, नेहा ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने मार्गदर्शक डॉ. जसपाल सिंह चौहान को दिया है। डॉ. जसपाल सिंह चौहान बीते 8 साल से गंगा नदी और उसके सहायक उपकरणों पर प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव पर शोध कर रहे हैं। इस संबंध में डॉ. चौहान ने कहा कि नेहा की यह उपलब्धि काबिले तारीफ है और साथ ही अन्य छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी। उत्तर नारी टीम की ओर से नेहा बडोला को शुभकामनाएं।


 पौड़ी गढ़वाल में नहाते समय तालाब में डूबने से दो किशोरों की मौत

पौड़ी गढ़वाल से एक दुखद खबर सामने आ रही है। जहां थलीसैंण के पल्ली गांव में दो किशोरों की नहाते समय तालाब में डूबने से मौत हो गई है। 

जानकारी अनुसार, बीते रविवार को पल्ली गांव के सुभ्रत सिंह (14)पुत्र सोहन सिंह व रविंद्र सिंह (15)पुत्र नरेंद्र सिंह गांव के ऊपर स्थित ताराकुंड मंदिर गए थे। इस दौरान वे ताराकुंड के तालाब में पहुंचे और दोनों तालाब में नहाने के लिए उतर गए। इस दौरान तालाब में बरसाती पानी के तेज बहाव में डूबने से दोनों किशोरों की मौत हो गई। इस बीच आस-पास मौजूद लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय लोगों को दी। सूचना पर परिजन व ग्रामीण मौके पर पहुंचे। दोनों के शवों को परिजन घर ले गए। इसके बाद सूचना मिलने पर थाना पैठाणी पुलिस भी मौके पर पहुंची। थानाध्यक्ष पैठाणी वीरेंद्र रमोला ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को कब्जे लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल पौड़ी में भिजवा दिया है। 


कोटद्वार नदी के तेज बहाव में बही कार

उत्तराखण्ड में एक बार फिर मौसम को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने 23 और 24 अगस्त को राज्य के सात जिलों में रेड अलर्ट और 6 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। जबकि आज 22 अगस्त (मंगलवार) को राज्य के देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसी क्रम में अब खबर कोटद्वार से सामने आ रही है। जहां देर रात से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर आ गए है। जिससे तेली स्रोत नदी के तेज बहाव में आज एक कार बह गई है, बताया जा रहा है कि बड़ी मुश्किल से कार सवार लोगों ने कूद कर अपनी जान बचाई है। 

बता दें, जब कार तेली स्रोत नदी को पार करने की कोशिश में नदी में गयी तो इसी दौरान कार बीच नदी में आकर बंद हो गई और कार में सवार लोग बाहर निकालने का प्रयास कर ही रहे थे कि इसी दौरान तेली स्रोत नदी का जल स्तर बढ़ गया और कार तेज बहाव की चपेट में आकर बह गई। 


मसूरी मार्ग में अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिरा वाहन

मसूरी क्षेत्र में बीती देर रात एक वाहन हादसे का शिकार हो गया है। बताया जा रहा है कि मसूरी से सवारी छोड़कर देहरादून की ओर जा रहा टैक्सी वाहन गलोगी धार के पास अनियंत्रित हो गया और गहरी खाई में जा गिरा। जिसमें सवार चालक को गंभीर चोटे आई हैं। वहीं इस की सूचना वहां रह रहे मजदूरों ने सुबह 6 बजे स्थानीय ग्रामीण को दी। जिसके बाद स्थानीय ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और वाहन के भीतर फंसे चालक को बाहर निकला। वाहन चालक को काफी चोटें आई है और पूरी रात भर चालक वाहन के अंदर ही फंसा रहा। जिसे ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया फिर इसकी सूचना पुलिस और 108 को दी गई। मौके पर पहुंची 108 एंबुलेंस से गंभीर रूप से घायल चालक को दून अस्पताल ले जाया गया जहां पर उसका उपचार चल रहा है।


चौराहे पर लगे पोल से शिक्षक को लगा करंट, मौत

नैनीताल जिले से एक दुखद ख़बर सामने आ रही है। जहां भीमताल डायट में ट्रेनिंग में आए हुए शिक्षक को गोरखपुर चौराहे पर लगे पोल से करंट लगने से मौत हो गई। जानकारी अनुसार, घटना बीते देर शाम शनिवार की है। जहां ओखलकांडा में तैनात शिक्षक इन दिनों अपने तीन शिक्षक साथियों के साथ ट्रेनिंग के लिए भीमताल स्थित डायट में आए हुए थे। 

सभी दोस्तों ने वहां एक रेस्टोरेंट में खाना खाया। इसके बाद गौरव पुरोहित और अन्य दोस्त सड़क पर पहुंचे। वहीं सड़क किनारे स्थित एक पोल में हाथ लगने से गौरव को करंट लग गया और करंट लगते ही गौरव अचेत हो गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर साथी उन्हें भीमताल सीएचसी लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने गौरव को मृत घोषित कर दिया। 

वहीं, इस संबंध में एसआई अरुण राणा ने बताया कि गौरव के दोस्तों का कहना है कि वे सभी भीमताल डायट में ट्रेनिंग में आए हुए हैं। पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दे दी है। इकलौते बेटे की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है। शिक्षक अपने पीछे दो बच्चों का परिवार छोड़ गए।

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