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उत्तराखण्ड में डेंगू जांच का शुल्क हुआ तय, जाने दरें

उत्तर नारी डेस्क


इन दिनों उत्तराखण्ड में डेंगू के मच्छरों का खतरा बना हुआ है। जरा सी लापरवाही के चलते डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं और डेंगू के मरीजों की संख्या भी लगतार बढ़ने लगी है। ऐसे में डेंगू की जांच के लिए रेट तय कर दिए गए है। जिसके मुताबिक जांच की निर्धारित दरों की रेट लिस्ट अपन-अपने चिकित्सालयों /पैथोलॉजी लैब में चस्पा करनी होगी और इसी के अनुसार ही जनमानस से डेंगू जांच शुल्क लिए जायेंगे।

वर्तमान जांच दरें

1- Dengue ELISA Test 2- Dengue ELISA Test

Rs. 1100 (for NABL Lab)


Rs. 1000 (for Non NABL Lab)


2- Dengue Rapid Test

NS1 – Rs. 500


NS1+IgG+IgM combo test – Rs. 800


डॉ. संजय जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि, उत्तराखण्ड में मच्छर जनित रोग डेंगू एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है। उत्तराखण्ड राज्य में डेंगू रोग को Notifiable Disease घोषित करने की अधिसूचना ‘उत्तराखण्ड महामारी (मलेरिया एवं डेंगू ) विनिमय 2019’ दिनांक 27 सितम्बर 2019 को जारी की जा चुकी है। दिनांक 25.08.2023 को अधोहस्ताक्षरी की अध्यक्षता में जनपद देहरादून के समस्त पैथोलॉजिस्ट के साथ डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम से सम्बंधित बैठक में सर्वसम्मति से डेंगू जांच दरें निर्धारित किये जाने सम्बंधी सहमति प्राप्त हुई है।

अतः आपसे अनुरोध है कि डेंगू रोग के कार्ड एवं एलाइजा आदि की जांच जनहित में निम्नानुसार दरों पर समस्त प्रयोगशालाओं / चिकित्सालयों में किये जाने का कष्ट करें तथा कृत कार्यवाही एंव डेंगू केसों की प्रतिदिन की सूचना अधोहस्ताक्षरी कार्यालय के आईडीएसपी प्रकोष्ठ की ई-मेल idspdehradun@gmail.com पर प्रतिदिन उपलब्ध कराएं।साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि डेंगू रेपिड जांच एंव एलाइजा ( ELISA ) जांच की निर्धारित दरों की रेट लिस्ट अपन-अपने चिकित्सालयों / पैथोलॉजी लैब में चस्पा करेंगें एवं इसी के अनुसार ही जनमानस से डेंगू जांच शुल्क लेंगें।


डेंगू क्या है ?

डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। 

डेंगू के लक्षण :- सिर दर्द

मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द

जी मिचलाना

उल्टी लगना

आंखों के पीछे दर्द

ग्रंथियों में सूजन

त्वचा पर लाल चकत्ते होना

तीन प्रकार के बुखार होते हैं, जिनसे व्यक्ति को खतरा होता है, जो इस प्रकार हैं – हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम।

हल्का डेंगू बुखार - इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं।

डेंगू रक्तस्रावी बुखार - लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो सकते हैं।

डेंगू शॉक सिंड्रोम - यह डेंगू का एक गंभीर रूप है और यहां तक कि यह मौत का कारण भी बन सकता है।

डेंगू का उपचार:- टायलेनोल या पैरासिटामोल जैसी दर्द निवारक दवाएं आमतौर पर रोगियों को दी जाती हैं। गंभीर डिहाइड्रेशन के मामले में कभी-कभी आईवी ड्रिप्स प्रदान की जाती हैं।

हाइड्रेटेड रहें : यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे शरीर के अधिकांश तरल पदार्थों का उल्टी और तेज बुखार के दौरान ह्रास हो जाता है। तरल पदार्थों के लगातार सेवन से यह सुनिश्चित हो जाता है कि शरीर आसानी से डिहाइड्रेट नहीं होगा।

स्वच्छता : स्वच्छता का अत्यधिक महत्व है, तब तो और भी ज्यादा जब आप स्वस्थ नहीं होते हैं। मरीज यदि नियमित स्नान नहीं कर सकता तो स्पंज से स्नान का विकल्प चुन सकता है। नहाने के लिए उपयोग किए जा रहे पानी में डेटॉल जैसे कीटाणुनाशक तरल की कुछ बूंदें मिलाएं। यह भी सलाह दी जाती है कि अस्पताल में मरीज को देखने से पहले और बाद में डेटॉल जैसे किसी हैंड सैनिटाइजर से अपने हाथ साफ करें। कपड़ों के रोगाणुओं से छुटकारा पाने के लिए रोगी के कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पानी को डेटॉल से कीटाणुरहित करें। 

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