उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले में इन दिनों मानसून सीजन आफत बनकर टूट पड़ा है। यहां पर पिछले कई दिनों से हो रही ही भारी बारिश ने अब यहां तबाही मचाना शुरू कर दिया है। जिले के कई ब्लॉकों में तबाही ही तबाही का मंजर नजर आ रहा है। कोटद्वार में कई घरों व रास्तों में भारी मलबे का ढेर जमा है। किसी की फसल नष्ट हो रही हैं और न जाने कितनी छोटी-छोटी पुलिया तो पानी के बहाव में बह गई हैं। हालत ये है कि एक के बाद एक पुल ढहते जा रहे है। साथ ही मार्ग में कई बड़े-बड़े पत्थर आने से मार्ग अवरुद्ध है और सैकड़ो गाड़िया जाम में फंसी है। किसी को समझ नहीं आ रहा है कि मौसम की इस मार के आगे आखिर जाएं तो जाएं कहां।
गौर हो कि बीती देर रात से चल रही तेज बारिश के कारण कोटद्वार भाबर क्षेत्र की सभी नदियां उफान पर आने से इसके तटवर्ती इलाकों में लोग सहमे रहे। पनियाली गदेरे के उफान से पूरी मच्छी मार्केट बह गई, घरों और होटल के अंदर भी मलबा चला गया है, सड़कों पर मलबा आ चुका है। ऐसे में आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। वहीं, आपदा की इस घड़ी में भारतीय जनता पार्टी कोटद्वार जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत आपदा पीड़ितों के बीच पहुंच कर उनको हरसंभव मदद कर रहें हैं। साथ ही लोगों के घर-मोहल्ले में घुसे मलबे को खुद अपने हाथों से साफ भी कर रहे है। उनके नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता आपदा पीड़ित क्षेत्रों में लोगों को जरूरत के सामान समेत मदद पहुंचा रहे हैं। वहीं, कार्यकर्ता गिवईस्रोत, लालपानी, झूला बस्ती, कौड़िया कैंप, आम पड़ाव, शिवपुर, मानपुर सिंभलचौड, नींबूचौड, मवाकोट आदि क्षेत्र में जाकर पीड़ित परिवारों को खाद्य सामग्री, रजाई गद्दे, कपड़े इत्यादि वितरित कर रहे हैं।
भूस्खलन के कारण मलबे में दबा स्कूल
दुगड्डा ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय जखमोला ख्वाल में बीते सोमवार देर रात भारी भूस्खलन के चलते एक स्कूल मलबे में दब गया। वहीं, इस संबंध में उपखंड अधिकारी अमित चंद ने बताया कि स्कूल का आधे से ज्यादा हिस्सा मलबे में धंस गया है। इसके चलते बच्चों की छुट्टी रखी गई है।
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