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कोटद्वार : सिद्धबली मंदिर परिसर के नीचे बनी 21 दुकानों पर चली JCB

उत्तर नारी डेस्क 


कोटद्वार में अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन हरकत में नज़र आ रहा हैं। बता दें, बीते सोमवार को लोक निर्माण विभाग ने कोटद्वार-सनेह कालागढ़ मार्ग पर स्थित श्री सिद्धबली मंदिर समिति की 21 दुकानों पर जेसीबी चलाकर अतिक्रमण को ध्वस्त किया है। प्रशासन की टीम सुबह दस बजे लोनिवि की जेसीबी लेकर पहुंची। लोनिवि कर्मचारियों ने दुकानदारों को दुकान खाली करने की चेतावनी दी और दुकानों पर जेसीबी चलाना शुरू कर दिया और दोपहर तक जेसीबी ने चिह्नित सभी 21 दुकानों को ध्वस्त कर दिया।

इस दौरान दुकानों पर जेसीबी चलता देख दुकानदार अपना सामान समेटने लगे लेकिन जल्दबाजी में उनका अधिकतर सामान भी खराब हो गया। आक्रोशित दुकानदारों ने विभाग पर उन्हें बिना नोटिस दिए कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह रोजाना की तरह सिद्धबली मंदिर के नीचे बनी प्रसाद की 21 दुकानों के दुकानदार दुकान खोलकर बैठे हुए थे। श्रद्धालु मंदिर में जाने के लिए प्रसाद खरीद ही रहे थे कि तभी दस बजे लोनिवि की जेसीबी पहुंची। लोनिवि कर्मचारियों ने दुकानदारों को दुकान खाली करने की चेतावनी दी और दुकानों पर जेसीबी चलानी शुरू कर दी। हालंकि आक्रोशित दुकानदारों ने कार्रवाई का विरोध भी किया, लेकिन उनकी एक न चली और दोपहर तक चिह्नित सभी दुकानों को ध्वस्त किया गया। आक्रोशित दुकानदारों का कहना है कि वे कई वर्षों से सिद्धबली मंदिर समिति को दुकानों का किराया देते हैं। उन्हें यह दुकानें लोनिवि की भूमि पर बना हाेने की जानकारी नहीं थी और न ही मंदिर समिति ने कभी इसकी जानकारी दी। बिना नोटिस दिए दुकानों पर जेसीबी चलाकर उन्हें बेरोजगार कर दिया गया है। उन्होंने श्री सिद्धबली मंदिर समिति से उन्हें रोजगार देने की मांग की।

इस संबंध में श्री सिद्धबली मंदिर के महंत दिलीप रावत ने कहा कि वर्षों से इस भूमि का उपयोग मंदिर समिति कर रही है। यह भूमि लोनिवि की होने की मंदिर समिति को भी जानकारी नहीं थी। जानकारी जुटाने पर पता चला कि वर्षों पहले डीएम ने यह भूमि लोनिवि को गोदाम बनाने के लिए दी थी। कहा कि सरकारी भूमि को लीज पर लेने का प्रावधान है। मंदिर समिति इस भूमि को लीज पर लेकर यहां पर व्यवस्थाएं बनाने का प्रयास करेगी। वहीं, सहायक अभियंता लोनिवि दुगड्डा कंचन मुयाल का कहना है कि सिद्धबली मंदिर समिति को अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया गया था। फिर भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो सोमवार को अतिक्रमण की कार्रवाई कर दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया।

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