उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में पहाड़ से मैदान तक हों रही मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो रखा है। भूस्खलन और मलबा आने से जगह-जगह रास्ते बंद हैं। शहरी क्षेत्रों में जलभराव से हालात मुश्किल हो गए हैं। इसी क्रम में अब खबर ऋषिकेश से सामने आयी है। जहां भारी बारिश से शहर की मुख्य सड़कें और गलियों में जलभराव हो गया है। ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से कई जगहों पर पानी की निकासी भी नहीं हो पा रही है।
लोगों का जीना दुश्वार हो रहा है। इसके साथ ही गंगा नगर स्थित मशहूर गायिका नेहा कक्कड़ के घर सहित कई गलियों में भी कई फीट पानी भरा हुआ है। इससे लोगों में स्थानीय प्रशासन और नगर निगम के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि भारी बारिश की वजह से नेहा कक्कड़ के घर की पार्किंग और गली में करीब चार से पांच फीट तक पानी भर गया है। पार्किंग में खड़ी उनकी गाड़ियां तक पानी में तैरती हुई दिखाई दी। वहीं, स्थानीय निवासी सत्ते सिंह पुंडीर ने बताया कि उन्होंने मुंबई में नेहा के परिवार से संपर्क किया। फिर उनके घर की पार्किंग की दीवार को जेसीबी से तोड़ा गया। इसके बाद पानी की निकासी की गयी, लेकिन अभी भी नेहा के घर की पार्किंग और गलियों में पानी भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि गंगा नगर के हनुमंत पुरम सहित लोवर गंगा नगर में बारिश की वजह से लोगों का बुरा हाल है।
इस संबंध में ऋषिकेश की मेयर का कहना है कि नगर निगम की टीम शहर की गलियों में हुए जलभराव को कम करने में जुटी हुई है। निगम की ओर से जगह-जगह जलभराव की स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। स्थिति सामान्य करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
कोटद्वार में अवैध खनन पर लगी रोक
कोटद्वार में अवैध खनन पर अब नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। आपको बता दें, बीते दिनों हुई भारी वर्षा और अवैध खनन से मालन, सुखरो और खो नदी में बने पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं और अब तक कई लोगों की जान तक चली गई है। इसके साथ ही मालन नदी का पुल भी क्षतिग्रस्त होने के कारण कोटद्वार नगर का संपर्क भी कट गया है। जिस पर अब मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई और नैनीताल हाईकोर्ट ने कोटद्वार के मालन, सुखरो और खो नदी में अवैध खनन पर रोक लगा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जितने पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं उनकी मरम्मत करने के लिए प्लान बनाएं। यह आदेश अवैध खनन के चलते पुल क्षतिग्रस्त होने पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिए गए। मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी।
बता दें, मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। पौड़ी गढ़वाल निवासी अक्षांश असवाल ने जनहित याचिका में कहा कि अवैध खनन की वजह से कोटद्वार सहित पौड़ी गढ़वाल के कई पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई लोगों की जान तक चली गई है। मालन नदी का पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण कोटद्वार नगर का संपर्क कट गया है। सरकार ने मालन नदी का पुल 2010 में 12 करोड़ 35 लाख में बनाया, जो सिर्फ 13 साल में क्षतिग्रस्त हो गया। जांच करने पर पुल टूटने का मुख्य कारण अवैध खनन बताया गया। जब पुल टूटा तो उसके तीसरे ही दिन अवैध खनन शुरू हो गया। जनहित याचिका में कोर्ट से क्षतिग्रस्त पुलों का शीघ्र पुनर्निमाण करने के साथ ही अन्य पुलों की मरम्मत करने व पुलों के नीचे अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाने की प्रार्थना की है।
कोटद्वार-पुलिंडा मार्ग पर आ धमका हाथियों का झुंड, लगा जाम
लगातार हाथियों का शहरी क्षेत्र में आने का क्रम जारी है। आये दिन हाथी शहरी इलाक़े में घुस कर उत्पाद मचाते नज़र आते है। इसी क्रम में अब खबर कोटद्वार से सामने आ रही है। जहां पुलिंडा मार्ग पर आ धमके हाथियों ने करीब एक घंटे तक जाम लगाये रखा। इस बात की जानकारी जब वन विभाग को दी गयी तो मौके पर पहुंचे वन विभाग की टीम ने पटाखे छोड़कर और हवाई फायर कर किसी तरह हाथियों को जंगल की ओर खदेड़कर हाईवे पर यातायात सुचारू किया गया। वहीं, इस संबंध में रेंजर अजय कुमार ध्यानी ने बताया कि हाथियों के झुंड सड़क पर आने से जाम लगने की सूचना मिली थी, जिसके बाद टीम को मौके पर भेजा गया। पटाखे छोड़कर और हवाई फायर कर हाथियों को जंगल की ओर भेजा गया। किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
बता दें, आए दिन इस मार्ग से होकर हाथियों के झुंड पानी पीने खोह नदी में उतरते हैं। और अचानक हाईवे पर आ जाते है, जिस के कारण हाईवे के दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लग जाता है।