उत्तर नारी डेस्क
जौनसार क्षेत्र में तेज बरसात के कारण लखवाड़ गाँव में आपदा का खतरा मंडराने से स्थानीय लोग दहशत में आ गए है। आपको बता दें, उत्तराखण्ड में भू-धंसाव का यह पहला मामला नहीं है जोशीमठ में भू धंसाव की समस्या सामने आने के बाद से प्रदेश के कई इलाकों में दरारें और भूं-धंसाव की लगातार खबरें सामने आने लगी हैं। हाल में ही देहरादून जिले के लांघा के करीब जाखन गाँव में भू-धंसाव के कारण पूरा गाँव जमींदाेज हो गया, लोग घर से बेघर हो गये। यहीं भय अब लखवाड़ गाँव के ग्रामीणों को भी सताने लगा है। तेज वर्षा के गाँव के नीचे भू धंसाव होने से लम्बी लंबी दरारें आ गई। कई दशकों पूर्व निर्मित भूकंप रोधी लकड़ी के घरों सहित, पक्के मकानों में भी बड़ी-बड़ी दरारे सामने देखने को मिल रही है। जिससे ग्रामीणों की अब नींद तक उड़ गई है, इस गाँव के नीचे पानी की बहुत अधिक मात्रा होने से ज्यादा खतरा बना है,यहाँ तक कि मंदिर के समीप लगे हैंडपंप में भी स्वयं पानी आ रहा है। जिससे ग्रामीणों के आवासीय भवनों के जमींदोज होने का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर के कालसी तहसील से जुड़े पर्यटन स्थल लखवाड़ गाँव में करीब 40 से अधिक परिवार रहते है, साथ ही यहाँ पर सैकड़ो वर्ष पुराना महासू देवता का भव्य मंदिर भी है, जहा प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर घर परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना करते हैं। ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द लखवाड़ गाँव में भू-धंसाव को कोई ठोस कदम उठाया जाए।यदि समय रहते कोई सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए गए तो लखवाड़ गाँव का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।