उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। उधमसिंह नगर ज़िले के खटीमा के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में स्कूल ड्रेस का नाप लेने के नाम पर मोहम्मद उमर और मोहम्मद शकील नाम के दर्जियों ने 100 छात्राओं के साथ गंदी हरकत को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि स्कूल के कुछ शिक्षकों ने भी छात्राओं की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया बल्कि उल्टा उनके साथ ही बदतमीजी की। यहां तक की तत्कालीन प्रधानाचार्य पर भी घटना को लेकर छात्राओं को धमकी देने का आरोप लगा है।
छात्राओं ने की थी दर्जियों की पिटाई
दरअसल, खटीमा के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में छात्राओं की स्कूल ड्रेस बनाई जानी थी। जिसके लिए स्कूल में गत 22 अगस्त और 6 सितंबर को खटीमा नगर के निजी कारखाने के एक सहायक कर्मचारी प्रतीक तिवारी के साथ दो दर्जी मोहम्मद कामिल और मोहम्मद शकील को विद्यालय में बुलाया गया था। दोनों दर्जियों ने नाप लेने के बहाने लगभग 100 छात्राओं से छेड़छाड़ और अभद्रता कर दी। बताया जा रहा है कि छेड़छाड़ कर रहे दर्जियों की हरकतों से तंग आकर छात्राओं ने उनकी पिटाई भी कर दी। पुलिस ने आरोपी दर्जियों मोहम्मद उमर और मोहम्मद शकील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया है और 3 शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
अश्लील शब्दों का भी प्रयोग किया गया
बालिकाओं की शिकायत पर अभिभावक संघ के अध्यक्ष राजबीर सिंह राणा ने खटीमा कोतवाली में तहरीर दी है। तहरीर दर्ज करवाते हुए बताया कि मामला 22 अगस्त और 6 सितंबर का है। जब छात्राओं की स्कूल ड्रेस का नाप लेते समय दर्जियों द्वारा छात्राओं को गलत तरीके से छुआ गया और उनके साथ छेड़छाड़ की गई। आरोप है कि तीन कर्मचारी अशोक आर्य, ममता खोलिया और चन्द्रशेखर ने छात्राओं का पक्ष लेने की बजाय उनका उपहास उड़ाया है। तहरीर में यह तक कहा गया है कि अशोक आर्य ने लड़कियों से यह भी कहा कि अगर उनके साथ दुष्कर्म भी हुआ तो भी कुछ नहीं होगा। तीनों कर्मचारी स्कूल के संविदा कर्मचारी थे। पुलिस ने दोनों आरोपी दर्जियों पर IPC की धारा 354 और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
स्टाफ सस्पेंड और दर्जियों पर FIR
छात्राओं के अभिभावकों के हंगामे की सूचना पर उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने अभिभावकों को समझा बुझा कर शांत किया। पीड़ितों ने मामले में दोषी दर्जियों सहित मौके पर मौजूद स्कूल स्टाफ के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की। उप जिलाधिकारी ने मामले में उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद स्कूल प्रशासन को मामले में लिप्त स्टाफ को तुरंत सस्पेंड कर दिया।
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