उत्तर नारी डेस्क
अल्मोड़ा, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में अल्मोड़ा में 2 दिवसीय क्रियात्मक शोध कार्यशाला संपन्न की गई। इस दौरान सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ भीमा मनराल ने शिक्षकों को बच्चों के साथ सामंजस्य स्थापित कर गतिविधि आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने, विभिन्न समस्याओं के समाधान एवं छात्र तथा अभिभावकों का विश्वास अर्जन करने की आवश्यकता तथा स्थानीय स्तर पर शिक्षा के संवर्धन हेतु वातावरण सृजन पर जोर दिया। शिक्षा संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संगीता पवार ने कहा कि राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में क्रियात्मक शोध व्यापक समझ के साथ संपादित किया जा रहा है।
साथ ही उन्होंने क्रियात्मक शोध की विभिन्न विधाओं की प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी दी।डाइट के प्राचार्य गोपाल गिरी गोस्वामी द्वारा शिक्षकों से कहा कि क्रियात्मक शोध के माध्यम से कक्षा के ज्ञान को बाहरी ज्ञान से जोड़ा जा सकता है। वर्तमान समय में शिक्षकों को नामांकन व गुणवत्ता के लिए मनोयोग से कार्य करने की आवश्यकता है। जिला संसाधन एकक विभाग के विभागाध्यक्ष जी.एस.गैडा़ ने कहा कि शिक्षकों को अपने कार्य क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इन समस्याओं के लिए वे समुदाय का सहयोग प्राप्त करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज की रीढ़ हैं और नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की पूर्ण जिम्मेदारी शिक्षकों की है।
शिक्षक विषम भौगोलिक परिस्थितियों में शैक्षिक संवर्धन के लिए आगे आ रहे है। कार्यक्रम के मुख्य संदर्भ दाता सरिता पांडे ने कहा कि तात्कालिक समस्याओं के समाधान के लिए क्रियात्मक शोध आवश्यक है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के आधार पर कक्षा 3,5,8 में न्यून संप्राप्ति वाले संबोधो पर शिक्षकों द्वारा क्रियात्मक शोध किया जा रहा है।डाइट प्रवक्ता डॉ दीपा जलाल ने शिक्षकों का आह्वान किया गया कि वे शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए दृढ़ संकल्प होकर आगे आए। इस अवसर पर डा भीमा मनराल, डॉ संगीता मनराल, डॉ जी०जी० गोस्वामी, जी०एस० गैड़ा, एस.एस.जे. यूनिवर्सिटी शिक्षा संकाय शोधार्थी प्रकाश चंद भट्ट, ललित मोहन पांडे, डॉक्टर पी. सी. पंत , एम एस भंडारी, डॉ दीपा जलाल , दीपक पांडे, महेश चंद्र,गणेश दत्त बुधानी, दीपा बिष्ट, संगीता मेहरा, शिवराज सिंह खनी, ममता ,लक्ष्मण सिंह ,हयात सिंह गैड़ा ,गौरव यादव, विजयलक्ष्मी, प्रतिभा ,दीक्षा, दिव्या तिवारी हरि सिंह, चंपा मेहरा, रंजना, विजय कुमार, आदि शिक्षकों के द्वारा क्रियात्मक शोध पर अपना शोध पत्र का प्रस्तुतीकरण किया। एक्शन रिसर्च कार्यशाला में 11 विकासखंड के 72 शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। समापन कार्यक्रम का संचालन जी. एस.गैड़ा तथा डॉ सरिता पांडे द्वारा किया गया।