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कोटद्वार : दोपहिया वाहन अनियंत्रित होने से जमीन पर गिरे पिता-पुत्र, पिता की मौत

उत्तर नारी डेस्क


उत्तराखण्ड में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहें हैं। जगह-जगह सड़क हादसे हो रहे हैं। सड़क हादसों की कड़ी में एक और हादसा जुड़ गया है। बता दें, कोटद्वार के पूर्व झंडीचौड़ में एक दोपहिया वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमे पिता की मौत हो गई है। जबकि पुत्र घायल है।

जानकारी अनुसार, दोपहिया वाहन चालक सतीश कुमार अपने पुत्र के साथ दोपहिया वाहन में सवार होकर कोटद्वार की तरफ आ रहे थे कि तभी तल्ला मोटाढांक स्थित कंडीमार्ग पर दोपहिया वाहन अनियंत्रित होकर जमीन पर गिर गया। जमीन पर गिरते ही सतीश कुमार भी जमीन पर गिर गए। तभी पीछे से आ रहे ट्रक का टायर सतीश कुमार के मुंह पर चढ़ गया। जिससे उनका  जबड़ा टूट गया। वहीं, दोपहिया वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से बेटे के हाथ पर भी खरोंच आई। 

दोनो पिता-पुत्र को घायल अवस्था में बेस हास्पिटल पहुंचाया गया। जहां सुदेश के पिता की हालत गंभीर देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया है। जहाँ उपचार के लिए ले जाते हुए उसके पिता की मौत हो गई। इस संबंध में  कोतवाल मणि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि दोपहिया वाहन फिसलने से बुजुर्ग की मौत हुई है।


देवभूमि उत्तराखण्ड में रूस के तीन जोड़ो ने हिन्दू परंपरा से किया विवाह


विदेशी कल्चर और नई-नई परंपराओं के साथ होने वाली हाई प्रोफाइल शादियां तो आपने बहुत देखी होंगी, लेकिन आज हम आपको तीन रशियन जोड़ों की हिंदू रीति रिवाज से वाली शादी के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां रूस के रहने वाले तीन जोड़ों को भारतीय परंपरा इतनी भा गई कि उन्होंने हरिद्वार के एक आश्रम में हिंदू विधि विधान से शादी रचा ली।  

देसी बैंड पर बजती देसी धुने और उस पर थिरकती विदेशी युवतियों को देखकर आपको ऐसा लगेगा कि यहां कोई म्यूजिकल प्रोग्राम हो रहा है, लेकिन ये नजारा तीन रूसी जोड़ों की हिंदू रीति रिवाज वाली शादी का है। धर्मनगरी हरिद्वार में अखंड परमधाम आश्रम के आंगन में उस समय नजारा बेहद खास हो गया जब यहां रूस के नागरिकों की शादी वैदिक तौर तरीके से संपन्न हुई। अखंड परमधाम आश्रम के अध्यक्ष और वरिष्ठ संत स्वामी परमानंद गिरि के विदेश में कई अनुयाई है, इन विदेशी अनुयायियों का हरिद्वार स्थित आश्रम में भी आना-जाना लगा रहता है। कुछ दिनों पहले रूस के 50 नागरिकों का दल आध्यात्मिक यात्रा पर हरिद्वार पहुंचा था। इन सभी ने यहां पर योग और ध्यान कर भारतीय संस्कृति को जाना। भारतीय संस्कृति से रूबरू होकर रूसी दल के तीन जोडे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से शादी करने की ठान ली। 

वरिष्ठ संत स्वामी परमानंद गिरि के मुताबिक भारत की परिवार व्यवस्था से प्रभावित होकर रूसी नागरिक भारतीय ढंग से शादी कर रहे हैं। हरिद्वार के आश्रम में हुई रूसी नागरिकों की शादी महज औपचारिकता नहीं रही, बल्कि यहां सभी रीति रिवाजों का पालन किया गया। पारंपरिक दूल्हों वाली लाल शेरवानी और पगड़ी पहन कर सजे तीनों दूल्हों की बारात निकाली गई। जिसमें उनके साथियों ने भारतीय धुनों पर जमकर डांस किया। रूसी दूल्हों की बारात में रूसी नागरिकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। उसके बाद दूल्हा और दुल्हन ने भगवान के मंदिर में आशीर्वाद लिया और स्टेज पर चढ़कर एक दूसरे को वरमाला पहनाई। इतना ही नहीं रूसी जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे भी लिए और जीवन भर एक दूसरे के साथ रहने का वचन दिया। 

अक्सर देखने को मिलता है कि भारतीय युवा पश्चिमी संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं। वहीं विदेशी भारतीय रीति रिवाज को अपना रहे हैं। वहीं इन विदेशी जोड़ों द्वारा हिंदू रीति रिवाज से की गई शादी भारतीय युवाओं के लिए एक मिसाल कही जा सकती है। इस दौरान स्वामी परमानंद गिरी जी ने कहा कि 'हमारी ओर से इतना ही है कि पति-पत्नी रोज न बदलते रहें, भारतीय संस्कृति के अनुसार विवाह करके रहें, इनको उससे प्रेरणा मिली है, पहले भी किया है अब लोग और बढ़ गए हैं, जो भी दिल से चाहा जाता है पूरा होता है, ये लोग बड़ी श्रृद्धा रख रहे हैं और भारतीय ढंग से शादी कर रहे हैं, यहां हर साल ध्यान सीखने आते हैं, आध्यात्म के परवचन सुनने आते हैं और भारतीय परंपराओं को प्रेम करते हुए विश्वास करते हैं। 



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