उत्तर नारी डेस्क
बता दें, केंद्र सरकार की ओर से अपनाए गए इस सख्त रूख को देखते हुए उत्तराखण्ड खाद्य विभाग ने सभी डीएसओ को पत्र जारी कर अक्टूबर माह से ही बायोमेट्रिक प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि केंद्र की सख्ती के बीच राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत दी है। जिसके चलते नेटवर्क विहिन दूरस्थ क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को नार्मल तरीके से ही राशन दिया जाएगा। लेकिन इसका प्रामाणिक ब्योरा हर राशन डीलर को अपने रजिस्टर में दर्ज करना होगा।
इस संबंध में राज्य के अपर खाद्य सचिव रूचि मोहन रयाल ने बताया कि बीते 22 सितम्बर को केंद्र सरकार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राशन वितरण की बायोमेट्रिक प्रणाली की समीक्षा की थी। इस दौरान केंद्र सरकार ने उत्तराखण्ड सहित कई राज्यों में इसकी धीमी प्रगति पर कड़ी नाराजगी जताई थी। इतना ही नहीं केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को चेतावनी दी गई थी कि केवल इंटरनेट विहीन क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में शत प्रतिशत बायोमेट्रिक प्रणाली के तहत ही राशन वितरण उपभोक्ताओं को किया जाए।
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