उत्तर नारी डेस्क
हाल ही में नैनीताल जिले के ज्योलिकोट स्थित एक अवैध मदरसा तब सुर्खियों में आ गया जब बच्चों के साथ वहां अमानवीय व्यवहार की घटना सामने आई। अब इस मामले को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस गंभीर विषय पर अपर मुख्य सचिव सचिव राधा रतूड़ी को आदेश दिया कि वो राज्य में चल रहे सभी मदरसों का सत्यापन कराए, इसके साथ किसी भी तरह का कोई भी अनैतिक कार्य सामने आने पर फौरन कार्रवाई करे। सीएम धामी के आदेश के बाद गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं।
दरअसल नैनीताल में ज्योलिकोट के पास वीरभटटी में चल रहे इस मदरसे पर बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार के साथ ही शारीरिक शोषण करने का आरोप लगा है। इस मामले की शिकायत मदरसे में पढ़ने वाले एक बच्चे के पिता ने पुलिस को दी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ने रविवार को मदरसे पर छापा मारा था। इस दौरान पता चला कि 2010 से संचालित मदरसे को मदरसा बोर्ड से मान्यता नहीं मिली है। इतना ही नहीं यहां 24 बच्चे थे, जिनकी सेहत बहुत खराब थी। साफ-सफाई की ठीक व्यवस्था न होने के कारण लगभग सभी बच्चों की त्वचा पर फोड़े व घाव बने हुए थे। एक बच्चा टीबी का मरीज पाया गया। पूछताछ हुई तो बच्चों ने मदरसे के मौलवी के बेटे पर यौन शोषण व अश्लील हरकतें करने के गंभीर आरोप लगाए। जिसके तुरंत बाद मदरसे को सील कर दिया गया। सभी 24 बच्चों को बाल कल्याण संस्था के संरक्षण में हल्द्वानी भिजवा दिया गया है।
बता दें, इस मामले में तल्लीताल पुलिस थाना प्रभारी रोहताश सिंह ने जानकारी दी कि मदरसे के मौलवी मोहम्मद हारून और उनके बेटे इब्राहीम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। दोनों पर यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम के साथ ही भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। तल्लीताल पुलिस थाना प्रभारी के मुताबिक फिलहाल इस मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।