उत्तर नारी डेस्क
उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन में 40 मजदूर फंसे हुए हैं जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस बीच सुखद खबर है यह है कि मजदूरों से वॉकी-टॉकी पर बात हुई है जिसमें उन्होंने बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं। इस बीच ख़बर यह भी सामने आ रही है कि इस सुरंग में फंसे 40 मजदूरों में से एक कोटद्वार के सनेह क्षेत्र के बिशनपुर निवासी गब्बर सिंह भी शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि गब्बर सिंह पिछले छह सालों से सुरंग निर्माण कार्य में जुटे हैं। इसके साथ ही वह पिछले 20 सालों से नवयुग इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड में काम कर रहे हैं। वह वर्तमान में सुपरवाइजर के पद पर भी कार्यरत हैं।
वहीं, उनकी 11 नवंबर की रात करीब 8 बजे अपनी पत्नी कुंभीचौड़ निवासी यशोदा देवी से बात हुई थी। इसके बाद से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया और अगले ही दिन भूस्खलन के कारण उनके सुरंग में फंसने की सूचना परिजनों को मिली। जिस के बाद से परिजनों में कोहराम मचा है। फिलाहल गब्बर सिंह के बेटे ने टनल में फंसे पिता से वॉकी-टॉकी से संपर्क कर कुशलक्षेम जाना और उनका बड़ा बेटा आकाश उसके मामा व तीनों ताऊ उत्तरकाशी के लिए रवाना हो चुके हैं।
बता दें, गब्बर सिंह इससे पहले दिल्ली, सिक्किम, राजस्थान, जम्मू समेत कई राज्यों में कंपनी के निर्माण कार्य कर चुके हैं। इससे पहले वे सिक्किम में सुरंग निर्माण के दौरान ज्वालामुखी फटने से फंस गए थे। तब विषम हालात में वे दूसरों की हौसला अफजाई करते हुए सकुशल निकले थे।
केदारनाथ धाम के शीतकालीन कपाट हुए बन्द, अब ओंकारेश्वर मंदिर में होंगे दर्शन
उत्तर नारी डेस्क
इस वर्ष की केदारनाथ धाम यात्रा में तकरीबन साढ़े 19 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किये गये हैं। आज कपाट बन्द होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, मुख्य कार्याधिकारी बीकेटीसी योगेन्द्र सिंह, पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी विमल रावत, चौकी प्रभारी केदारनाथ मंजुल रावत सहित बीकेटीसी के पदाधिकारीगण, प्रशासनिक अधिकारी व चौकी केदारनाथ में नियुक्त पुलिस बल व कपाट बन्द होने के समय मौजूद श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।