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कोटद्वार : अचानक सड़क पर हाथी आने से असंतुलित होकर बाइक से गिरा युवक, हुई मौत

उत्तर नारी डेस्क 

कोटद्वार दुगड्डा मार्ग पर लालपुल के निकट आज गुरुवार को अचानक सड़क पर हाथी आ गया, जिसे देखकर बाइक चालक घबरा गया और असंतुलित होकर सड़क पर गिर गया। इस हादसे में उसके सिर पर गहरी चोट लग गई। वहीं उधर से गुजर रहे राहगीरों ने बाइक चालक को घायल अवस्था में देखा तो उन्होंने इसकी सूचना 108 इमरजेंसी सेवा को दी। जिसके बाद उसे बेस अस्पताल लाया गया जहां उपचार के दौरान बाइक चालक की मौत हो गई। 

जानकारी के अनुसार, आज गुरुवार सुबह युवक बाइक पर सवार होकर कोटद्वार से सतपुली के लिए निकला था। जैसे ही युवक पांचवे मील के पास पहुंचा तो अचानक सड़क पर हाथी आ गया और युवक ने तेजी से बाइक के ब्रेक लगा दिए। जिसके कारण युवक सड़क पर गिर गया और उसके सिर पर गम्भीर चोटें आ गई। वहां से गुजर रहे राहगीरों ने उसे गंभीर घायल देख इसकी सूचना पुलिस और 108 इमरजेंसी सेवा को दी। जिसके बाद उसे बेस अस्पताल लाया गया जहां उपचार के दौरान बाइक चालक की मौत हो गई। ये खबर सुनकर युवक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। 

बता दें, बाइक चालक की पहचान कोटद्वार के प्रतापनगर निवासी सतेंद्र के रूप में हुई है। जो सतपुली के खैरासैण गांव के इंटर कॉलेज में लेब असिस्टेंट के पद पर तैनात थे।

आए दिन इस मार्ग से होकर हाथियों के झुंड पानी पीने खोह नदी में उतरते हैं। और अचानक हाईवे पर आ जाते है, जिस कारण हाईवे के दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम भी लग जाता है। ऐसे में हाथी दिखने पर घबराएं नहीं तुरंत वाहन को रोक दें और न ही फोटोग्राफी करें। इसके साथ ही इस रूट पर आवाजाही संभलकर करें। 

कोटद्वार निवासी गब्बर सिंह समेत 40 मजदूर सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे

उत्तर नारी डेस्क 



उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन में 40 मजदूर फंसे हुए हैं जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस बीच सुखद खबर है यह है कि मजदूरों से वॉकी-टॉकी पर बात हुई है जिसमें उन्होंने बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं। इस बीच ख़बर यह भी सामने आ रही है कि इस सुरंग में फंसे 40 मजदूरों में से एक कोटद्वार के सनेह क्षेत्र के बिशनपुर निवासी गब्बर सिंह भी शामिल हैं। 

बताया जा रहा है कि गब्बर सिंह पिछले छह सालों से सुरंग निर्माण कार्य में जुटे हैं। इसके साथ ही वह पिछले 20 सालों से नवयुग इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड में काम कर रहे हैं। वह वर्तमान में सुपरवाइजर के पद पर भी कार्यरत हैं। 

वहीं, उनकी 11 नवंबर की रात करीब 8 बजे अपनी पत्नी कुंभीचौड़ निवासी यशोदा देवी से बात हुई थी। इसके बाद से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया और अगले ही दिन भूस्खलन के कारण उनके सुरंग में फंसने की सूचना परिजनों को मिली। जिस के बाद से परिजनों में कोहराम मचा है। फिलाहल गब्बर सिंह के बेटे ने टनल में फंसे पिता से वॉकी-टॉकी से संपर्क कर कुशलक्षेम जाना और उनका बड़ा बेटा आकाश उसके मामा व तीनों ताऊ उत्तरकाशी के लिए रवाना हो चुके हैं।

बता दें, गब्बर सिंह इससे पहले दिल्ली, सिक्किम, राजस्थान, जम्मू समेत कई राज्यों में कंपनी के निर्माण कार्य कर चुके हैं। इससे पहले वे सिक्किम में सुरंग निर्माण के दौरान ज्वालामुखी फटने से फंस गए थे। तब विषम हालात में वे दूसरों की हौसला अफजाई करते हुए सकुशल निकले थे।

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