उत्तर नारी डेस्क
गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेलों में और कजाकिस्तान के अस्ताना में चल रही जूनियर और यूथ एशियन चैंपियनशिप में उत्तराखण्ड के युवाओं ने बेहतर प्रदर्शन से देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है। वहीं, 37वें राष्ट्रीय खेलों में मिनी गोल्फ स्पर्धा में पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली समृद्धि थपलियाल ने स्वर्ण पदक जीता है। समृद्धि थपलियाल कोटद्वार सिंबलचौड़ निवासी है। समृद्धि थपलियाल की इस सफलता से क्षेत्र में ख़ुशी का माहौल है।
बता दें, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समृद्धि थपलियाल को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने लिखा, गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेलों में मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में समृद्धि थपलियाल को स्वर्ण पदक जीतने पर हार्दिक बधाई। अपने उत्कृष्ट खेल कौशल से आपने समस्त उत्तराखण्ड को गौरवान्वित किया है, उज्ज्वल भविष्य हेतु अनंत शुभकामनाएं !
वहीं, विधान सभा अध्यक्षा और क्षेत्रीय विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण ने समृद्धि थपलियाल को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने लिखा, गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेलों में मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में पौड़ी गढ़वाल, कोटद्वार सिंबलचौड़ निवासी समृद्धि थपलियाल को स्वर्ण पदक जीतने पर हार्दिक बधाई। माँ भारती का मानवर्धन करते हुए प्रदेश एवम् कोटद्वार का नाम रोशन करने पर आपको हार्दिक बधाई ! उज्ज्वल भविष्य हेतु अनंत शुभकामनाएं समृद्धि
इस प्रतियोगिता में ताइक्वांडो अंडर-63 किलो भारवर्ग स्पर्धा में हल्द्वानी के नीतीश कुमार ने रजत पदक जीता है। समृद्धि थपलियाल और नीतीश कुमार की इस उपलब्धि पर पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
उत्तराखण्ड में आयोजित होगा 38वां राष्ट्रीय खेल, पढ़ें
बता दें, वर्तमान में 37वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन 26 अक्टूबर से 9 नवंबर तक गोवा में चल रहा है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। जिसमें देश भर के विभिन्न राज्यों से खिलाड़ी प्रतिभाग कर अपना परचम लहरा रहे है। वहीं, 37वें राष्ट्रीय खेलों में देवभूमि उत्तराखण्ड के खिलाड़ी भी लगातार अपना परचम लहरा रहे है।
उत्तराखण्ड की खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि सभी प्रदेशवासियों को बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि IOA द्वारा 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की मेजबानी का सौभाग्य उत्तराखण्ड राज्य को मिला है। यह सब शीर्ष नेतृत्व के कुशल प्रतिनिधित्व व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में ही संभव हो पाया है। देवभूमि जो कि अब खेलभूमि बनने की ओर भी अग्रसर है।