उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां इग्नू की एमबीए चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा दे रहे तीन परीक्षार्थी मोबाइल से नकल करते हुए पकड़े गए। बता दें, शुक्रवार को दो बजे से शाम पांच बजे तक रुद्रपुर स्थित सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इग्नू की एमबीए चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा चल रही थी। ऐसे में शाम करीब साढ़े चार बजे कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत निरीक्षण के लिए पहुंच गए। वह सीधे कक्ष नंबर 11 में गए और भाई-बहन समेत तीन परीक्षार्थियों के पास से तीन मोबाइल बरामद कर लिए। मोबाइल से तीनों नकल में लिप्त मिले। उन्होंने कक्ष में ड्यूटी पर तैनात कर्मियों पर नाराजगी जताई और प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने तीनों परीक्षार्थियों की नकल की रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेजने की बात कही है।
छापेमारी के दौरान कमिश्नर दीपक रावत के तेवर देखकर महाविद्यालय स्टाफ में सन्नाटा पसर गया। कमिश्नर ने प्राचार्य डॉ. डीसी पंत से कहा कि वह राउंड पर नहीं थे तो क्या कर रहे थे? उनके कई बार पूछने पर छात्राओं की ओर से नकल करने की बात नहीं स्वीकारी गयी तो उन्होंने खाली पेज दिए। छात्राओं से कहा कि एक जवाब जो कॉपी पर आपकी ओर से लिखा गया है, उसे कोरे कागज पर लिखकर दिखा दें। एक छात्रा ने हिम्मत जुटाकर कागज पर लिखा मगर दूसरी छात्रा ने कागज पकड़ा, लेकिन कुछ लिख नहीं पायी। कागज पर जवाब लिखने के बाद कमिश्नर ने कॉपी में लिखे जवाब से मिलाया तो बहुत अलग पाया। इसके बाद कमिश्नर ने कहा कि उन्हें झूठ से नफरत है। सच बोलें वरना पुलिस को बुला लेंगे। इसके बाद छात्रा ने रोते हुए स्वीकारा कि वो नकल कर रहे थे। छात्रा ने बताया कि पकड़ा गया छात्र उसका भाई है। उसके भाई ने पेपर के लिए एक वेबसाइट से पीडीएफ डाउनलोड की थी।
इस दौरान मौके पर मौजूद एक पुलिसकर्मी ने पूरी घटना का वीडियो बनाया लिया। जिसके बाद छात्रा ने रोते हुए कमिश्नर से गुजारिश की कि वह सोशल मीडिया पर इस वीडियो को अपलोड नहीं करें। छात्रा बोली कि इससे उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा, जिस पर कमिश्नर ने वीडियो बनवाना न सिर्फ बंद करवा दिया बल्कि नाम सार्वजनिक नहीं करने की बात भी कही। वहीं, निरीक्षण के बाद कमिश्नर ने कहा कि देहरादून से सूचना मिली थी कि कुछ छात्र मोबाइल का प्रयोग कर परीक्षा दे रहे हैं। वह इसके पहले बाजपुर भी गए थे। जो कक्ष में ड़यूटी दे रहे थे उन्होंने अपनी भूमिका सही से नहीं निभाई। जांच की जा रही है।
उत्तराखण्ड : गीतिका चुफाल भारतीय वायुसेना में बनी फ्लाइंग ऑफिसर
उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की बेटियां आसमान की ऊंचाइयों को छू कर प्रदेश को गौरवान्वित कर रही हैं। सरकारी, गैर सरकारी तथा सैन्य क्षेत्र में भी राज्य की बेटियां पीछे नहीं है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने ना केवल उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है बल्कि देश को भी गौरवान्वित किया है। हम बात कर रहे हैं ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा में रहने वाली गीतिका चुफाल की। जिनका चयन भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग अफसर के रूप में हुआ है। गीतिका चुफाल की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
बता दें, गीतिका चुफाल मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील क्षेत्र के सीणी गांव की रहने वाली हैं। गीतिका के पिता बलबीर सिंह चुफाल एक पूर्व सैनिक हैं, जबकि उनकी मां पुष्पा चुफाल एक कुशल गृहिणी हैं। गीतिका की इंटर तक की शिक्षा सर्राफ पब्लिक स्कूल से हुई। इंटर के बाद उन्होंने 2015- 19 तक आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल पूणे से बीटेक किया। इसके बाद एयर फोर्स टेक्निकल कॉलेज (एएफटीसी) बंगलुरु से ऐरोनोटिकल इंजीनियरिंग इलेक्ट्रानिक (एसीईई) शाखा से प्रशिक्षण प्राप्त किया। वर्ष 2019 से अप्रैल 2022 उड़ चलो निजी कंपनी में इंजीनियर के तौर पर कार्य किया। जून 2022 से दिसंबर 2022 तक हैदराबाद में प्रशिक्षण लिया। दिसंबर 2022 से 2023 तक एएफटीसी बंगलुरु में एसीईई शाखा प्रशिक्षण पास कर फ्लाइंग ऑफिसर बन गई हैं। वर्तमान में उनका परिवार ऊधमसिंहनगर के वार्ड नंबर-18, टीचर्स कॉलोनी में रहता है। गीतिका ने अपनी सफलता का श्रेय दादा भीम सिंह चुफाल, दादी चंद्रा चुफाल, पिता बलवीर सिंह चुफाल और माता पुष्पा चुफाल को दिया है।