उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में आज से दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन का शुभारंभ हो गया है। जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। जहां सम्मेलन में देश-दुनिया के 5000 से अधिक निवेशक और प्रतिनिधि शामिल हुए। वहीं, राज्य में विभिन्न सेक्टर में निवेश के लिए अभी तक तीन लाख करोड़ रुपये के एमओयू हो चुके हैं। तो कई बड़े निवेश के लिए सम्मेलन में करार हो सकते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां आकर मन धन्य हो जाता है। कुछ वर्ष पहले जब मैं बाबा केदार के दर्शन को निकला था तो अचानक मेरे मुंह से निकला था कि 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक है। मुझे खुशी है कि उस कथन को मैं लगातार पूरा होते देख रहा हूं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मैं देशवासियों को भरोसा दिलाता हूं कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की टॉप थ्री इकॉनमी में आकर रहेगा। मोदी ने अगले आम चुनाव को लेकर भी ये इशारा किया।
पीएम मोदी ने कविता से भाषण की शुरुआत की। कहा- जहां अंजुली में गंगाजल हो, जहां हर एक मन बस निश्चल हो, जहां नारी में सच्चा बल हो उस देवभूमि का आशीर्वाद लिए मैं चलता जाता हूं। है भाग्य मेरा सौभाग्य मैं तुमको शीश नवाता हूं। मेक इन इंडिया की तरह वेड इन इंडिया भी चलाया जाए। आप कुछ निवेश करना पाओ या नहीं लेकिन अपने परिवार की एक डेस्टिनेशन वेडिंग अगले पांच साल में उत्तराखण्ड में करें। अगर पांच साल में पांच हजार डेस्टिनेशन वेडिंग भी उत्तराखण्ड में हुई तो ये एक नया क्षेत्र खड़ा हो जाएगा। देश के धन्ना सेठ इस बारे में सोचेंगे तो बड़ा बदलाव आएगा।
इसके साथ ही कहा कि उत्तराखण्ड इसलिए भी विशेष है क्योंकि यहां डबल इंजन सरकार है। डबल प्रयास चारों तरफ दिख रहे हैं। राज्य सरकार तेजी से यहां काम हो रहा है। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे से दूरी 2.5 घंटे की होने जा रही है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन से रेल कनेक्टिविटी आसान होने जा रही है। पहले की सरकारें सीमावर्ती इलाकों को कम से कम पहुंच वाली थी। डबल इंजन ने इस धारणा को बदला। हम सीमावर्ती गांवों को विकसित करने जा रहे हैं। पीएम मोदी ने सरकार को हाउस ऑफ हिमालयाज की बधाई दी। कहा कि यहां के लोकल उत्पादों को विदेशी बाजार में स्थापित करने की पहल है। ये वोकल फ़ॉर लोकल और लोकल फ़ॉर ग्लोबल का कारक बनेगा। विकसित भारत के निर्माण के लिए राष्ट्रीय चरित्र को सशक्त करना होगा। ऐसे काम करने होंगे जिससे हमारे स्टैंडर्ड दुनिया फॉलो करें।
विकसित भारत अस्थिरता नहीं बल्कि स्थिरता चाहता है। हमारे देश में मिलेट से लेकर तमाम फूड्स हैं जो पोषक हैं। किसानों की मेहनत बेकार नहीं जानी चाहिए। भारत की कंपनियों के लिए ये अभूतपूर्व समय है। अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बनने जा रहा है। मैं देशवासियों को भरोसा दिलाता हूं कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया के टॉप थ्री इकॉनमी में आकर रहेगा।