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उत्तराखण्ड : तड़पते मरीज को आधे रास्ते में छोड़ दारू पीकर सो गया 108 एंबुलेंस चालक

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को लाइफ लाइन कहा जाता है, लेकिन आज के समय में वही लाइफ लाइन आफत बन रही है। ऐसा हम इसलिए बोल रहे है क्योंकि पहले एक चालक ने नसे में एंबुलेंस को दीवार से भिड़ा दिया था और अब चालक और स्टाफ नशे में धुत होकर खून की उल्टी कर रहे मरीज को बीच रास्ते एंबुलेंस में छोड़कर सो गए। जिससे मरीज की जान में बन आई। बाद में कुछ लोगों की पहल के बाद मरीज को दूसरी एंबुलेंस से अल्मोड़ा भेजा गया। पीड़ितों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से भी की। जिसके बाद विभाग ने कार्यवाही करते हुए एंबुलेंस ड्राइवर और ईएमटी को हटा दिया गया है। 

जानकारी के अनुसार, बुधवार रात बिलौना निवासी राम प्रसाद की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें खून की उल्टियां होने लगी। जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए रात करीब साढ़े नौ बजे हायर सेंटर अल्मोड़ा के लिए रेफर कर दिया। 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा (यूके 07 जीए 3193) से मरीज को हायर सेंटर ले जाया जा रहा था। जिला अस्पताल से करीब सात किमी की दूरी तय करने के बाद एंबुलेंस चालक वाहन खड़ा कर पौड़ीधार के समीप बार में शराब पीने चला गया। कुछ देर बाद वह लौटा तो नशे में था और एंबुलेंस में आकर सो गया। उसने वाहन चलाने से मना कर दिया। परिजन उसे उठाने का प्रयास करते रहे। वहीं, चालक की इस हरकत से मरीज तथा तीमारदारों की जान हलक में अटक गई। मरीज को बिगड़ती हालत को देखते हुए उन्होंने इसकी शिकायत सीएमएस, डीएम समेत भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्र सिंह फर्स्वाण से की। इसके बाद भाजपा नेता रवि करायत व अन्य लोग मौके पर पहुंचे। मरीज की बिगड़ती हालत को देखते हुए जिला अस्पताल से दूसरी एंबुलेंस से मरीज को अल्मोड़ा भेजा गया। रवि करायत ने बताया कि अल्मोड़ा में उपचार के बाद मरीज की हालत में सुधार है। वहीं, मामले का संज्ञान लेते हुए सीएमओ ने बागेश्वर 108 एंबुलेंस के चालक समेत दोनों कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है।


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