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उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंचे अयोध्या

उत्तर नारी डेस्क


अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम लला अपने नए मंदिर में विराजने जा रहे हैं। अयोध्या में  प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित सभी तैयारियां भी जोरो शोरों से शुरू हों गयी है।

मिली जानकारी अनुसार, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अयोध्या पहुंच गए है। अयोध्या में वह कारसेवकपुरम पहुंचे जहाँ उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात करी।



अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उत्तराखण्ड में मनाया जाएगा नौ दिवसीय उत्सव

उत्तर नारी डेस्क  


अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला अपने नए मंदिर में विराजने जा रहे हैं। जिसको लेकर पूरे भारत में अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है और इस उत्साह को और भव्य बनाने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। 

आपको बता दें, अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले, उत्तराखण्ड सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि 14 जनवरी को उत्तरायण उत्सव से लेकर श्री राम मूर्ति प्राण तक, उत्तराखण्ड में लगातार नौ दिनों तक सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाएंगे।

जारी निर्देश में कहा गया है कि इस उत्सव में ''जनपद/विकास खण्ड स्तर पर समितियों का गठन कर जनभागीदारी से धार्मिक स्थलों पर कलश यात्रा एवं झांकियों का आयोजन किया जाए। जिसमें महिला मंगल दल, युवक मंगल दल एवं स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

राज्य के सभी मठ-मंदिरों एवं नदी तटों पर स्थित स्नान घाटों पर विशेष सफाई अभियान चलाया जाये। सभी शहरी निकायों, जिला पंचायतों, विकास खंडों और ग्राम पंचायतों सहित सामाजिक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, महिला मंगल दलों, युवक मंगल दलों और स्कूलों/कॉलेजों द्वारा जनभागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।


देवालयों एवं धार्मिक स्थलों पर रामचरितमानस का पाठ, भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किए जाएं

इसके साथ ही आदेश में कहा गया है, कि ''प्रदेश के प्रमुख मंदिरों, देवालयों एवं घाटों पर जनभागीदारी से दीपोत्सव एवं आरती का आयोजन किया जाए तथा मंदिरों, देवालयों एवं धार्मिक स्थलों पर रामचरितमानस का पाठ, भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।''

'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों की अवधि में आयोजित किया जाएगा। 16 जनवरी को, मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा नियुक्त यजमान प्रायश्चित समारोह का संचालन करेगा। सरयू नदी के तट पर 'दशविध' स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा।


इसके बाद 17 जनवरी को भगवान राम के बाल स्वरूप (राम लला) की मूर्ति लेकर एक जुलूस अयोध्या पहुंचेगा। मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे।


18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे।


19 जनवरी को, पवित्र अग्नि जलाई जाएगी, उसके बाद 'नवग्रह' की स्थापना और 'हवन' (आग के चारों ओर पवित्र अनुष्ठान) किया जाएगा।


राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को 20 जनवरी को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और 'अन्नाधिवास' अनुष्ठान होगा।


21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों से स्नान कराया जाएगा और अंत में उन्हें समाधि दी जाएगी। अंतिम दिन, 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद, दोपहर में 'मृगशिरा नक्षत्र' में राम लला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा।


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