उत्तर नारी डेस्क
कृषि वैज्ञानिकों ने ग्राम स्तरीय कृषक गोष्ठी में गन्ने की बेहतर बुवाई व प्रजातियों के बारे में विस्तार से बताया। गोष्ठी में किसानों को गन्ने में लगने वाले कीट व रोग की पहचान व रोकथाम के बारे में भी जानकारी दी गई।
मंगलवार को गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र ने ग्राम फौजी मटकोटा में ग्राम स्तरीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रगतिशील किसान जगदीश सिंह ने की। गोष्ठी में गन्ना की परम्परागत बुवाई पद्धति से हटकर वैज्ञानिक विधि से सहफसल का समावेश कर अतिरिक्त लाभ अर्जित करने की जानकारी दी गयी। गोष्ठी में किसानों को गन्ने की जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया गया। गोष्ठी में पन्तनगर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आनन्द सिंह जीना ने उन्नतशील गन्ना अगेती प्रजातियों की विस्तार से जानकारी दी।
गन्ना शोध केन्द्र काशीपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. संजय कुमार ने गन्ना फसल में की जाने वाली समस्त कर्षण क्रियाओं के साथ ही गन्ना फसल में लगने वाले विभिन्न कीट कंसुआ, दीमक, टॉप बोरर, कुरमुला की पहचान व उनकी रोकथाम, गन्ना फसल में लगने वाले रोग लाल सड़न, उकठा रोग, स्मट व पोखा बोईंग आदि की पहचान व रोकथाम के बारे में जानकारी दी।
प्रशिक्षण में इफ्को के क्षेत्रीय प्रबन्धक नीरज कुमार ने नैनो यूरिया, नैनो डीएपी व सागरिका के प्रयोग को लाभदायी बताया। गोष्ठी में प्रगतिशील गन्ना किसान रघुराज सिंह रावत, राजीव कुमार, केदार सिंह, सुरेन्द्र सिंह, विनोद कुमार, ओमपाल सिंह, राम कुमार शर्मा, शिवराज सिंह, भोला गिरि, सुभाष गिरि, ज्ञान सिंह, हरेन्द्र सिंह,महेश प्रसाद ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक किच्छा,
इनके अतिरिक्त गोष्ठी में प्रताप सिंह प्रचार प्रभारी, गन्ना पर्यवेक्षक श्री सूर्य प्रताप सिंह, महेश चन्द्र, सुधीर कुमार, श्री रविशंकर काण्डपाल, मो० हसनैन, मदन कालरा आदि उपस्थितआदि थे।