उत्तर नारी डेस्क
22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन और राम मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। जिसके बाद से पूरा देश राममयी हो चुका है। इस बीच उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड ने मदरसों में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस फैसले के तहत उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड द्वारा संचालित मदरसों के नए सिलेबस में श्रीराम की कहानी पढ़ाई जाएगी। बोर्ड द्वारा नए सिलेबस में श्रीराम की कहानी को जोड़ा गया है।
बता दें, उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बृहस्पतिवार को बड़ी जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बच्चे भगवान राम जैसे बनें ना कि औरंगजेब की तरह। शादाब शम्स ने कहा कि मदरसे के छात्रों को पैगंबर मोहम्मद के साथ-साथ भगवान राम की जिंदगी के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। इस काम की जिम्मेदारी अनुभवी मुस्लिम मौलवियों को दी गई है। वहीं, उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड के तहत 117 मदरसे संचालित किये जाते है। ऐसे में ये पाठ्यक्रम शुरुआत में देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों में शुरू किया जाएगा। इस साल मार्च से मदरसा आधुनिकीकीरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में वक्फ बोर्ड से संबद्ध मदरसों में भी श्रीराम का अध्ययन शुरू किया जाएगा।
गौरतलब है कि, शम्स ने कहा कि श्री राम एक अनुकरणीय चरित्र है जिनके बारे में हर एक को पता होना चाहिए और उनका अनुसरण करना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा कि पिता को अपना वादा पूरा करने में मदद के लिए श्रीराम ने सिंहासन छोड़ दिया और वन को चले गए। कौन नहीं चाहेगा कि उसे श्रीराम जैसा पुत्र मिले।