उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के होनहार युवाओं का भारतीय सेना में जाना बचपन से देखा एक सपना होता है। भारतीय सेना में शामिल होने के सपने को साकार करने के लिए कई युवा जी तोड़ मेहनत कर सेना में जगह बनाते है और राज्य का नाम गौरवान्वित करते हैं। अब इसी क्रम में श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल कर्णप्रयाग के पूर्व छात्र पीयूष पंत का चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में हुआ है।
आपको बता दें, पीयूष पंत ने वर्ष 2023 में 12वीं की परीक्षा श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल कर्णप्रयाग से 94.8 प्रतिशत अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की है। पीयूष की उपलब्धि पर स्कूल व कर्णप्रयाग के बच्चों में हर्ष का माहौल है। एसजीआरआर एजुकेशन मिशन के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने पीयूष पंत को शुभकामनाएं देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, कर्णप्रयाग के प्रधानाचार्य बुद्धि बल्लभ डोभाल ने जानकारी दी कि पीयूष पंत एक अनुशासित और मेधावी छात्र रहे हैं। ऐसे छात्र स्कूल के सभी बच्चों के रोल माॅडल के रूप में प्रेरणा स्वरूप बनते हैं। पीयूष के पिता विनोद पंत किसान थे जिनका वर्ष 2013 में निधन हो गया था।
पीयूष की माता बीना देवी श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, कर्णप्रयाग में ही आया (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) हैं। पीयूष की एक बहन का हाल ही में आईटीबीपी में और दूसरी बहन का बीएसएफ में चयन हुआ है।
कोटद्वार : श्री सिद्धबली धाम के पास आ धमका हाथियों का झुंड, मची अफरा-तफरी
उत्तर नारी डेस्क
पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में सिद्धबली मंदिर के पास उस समय अफरा-तफरी का माहौल हो गया जब शाम ढलते ही हाथियों का झुंड राष्ट्रीय राजमार्ग 534 पर आ धमका। इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों की हाथियों के झुंड को देखकर सांसें थम गई। वहीं, हाथी ने सड़क पर जमा लोगों को थोड़ी दूर तक दौड़ाया। बाद में हाथियों का झुंड यहां से खोह नदी में उतर गया।
बता दें, ये घटना सोमवार शाम की है। सिद्धबली मंदिर के सामने कार्बेट के रिसेप्शन सेंटर के पास एक शिशु समेत छह हाथियों का झुंड सड़क पार करने के लिए जंगल से निकला। यह देखकर लोगों में अफरातफरी मच गई। वहीं, वाहनों के शोर और लोगों की भीड़ के बीच काफी देर तक हाथियों को जब खोह नदी में जाने के लिए सड़क पार करने का समय नहीं मिला तो उन्होंने चिंघाड़ा और फिर करीब 45 मिनट तक सड़क पर धमक गए। जिसके कारण दोनों ओर का यातायात थम गया। हाथी के खोह नदी में जाने के बाद ही यातायात सामान्य हो सका।