उत्तर नारी डेस्क
उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। इसमें तीर्थयात्रियों की उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित 28 पैरामीटर की जांच की जाएंगी। उन्होंने बताया कि इस बार सभी स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखकर चारधाम यात्रा में कार्य करने को इच्छुक डॉक्टरों के संबध में जानकारी मांगी गई है। इसके साथ ही राज्य के डॉक्टरों व अन्य मेडिकल स्टाफ की तैनाती यात्रा शुरू होने से पूर्व हो जाएगी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ ही यहां पर आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती भी की जाएगी। इसके साथ ही मेडिकल रिलीफ प्वाइंट में दवाओं का स्टॉक, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य सामान सहित सभी जरूरी उपकरण मौजूद रहेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने एसओपी में यात्रियों को सलाह दी गई है कि कम से कम 7 दिन के लिए चारधाम यात्रा की योजना बनाएं। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री जरूरी दवा और डॉक्टर का नंबर अपने पास रखें। केदारनाथ मार्ग में विभाग द्वारा हेल्थ एटीएम की स्थापना के निर्देश दिए गए है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि सभी जिलों के सीएमओ, सीएमएस को इस संबध में निर्देशित कर दिया गया है। हेल्थ एटीएम में ब्लड प्रेशर, शुगर, वजन, लंबाई, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा आदि की जांच की जाएंगी। हेल्थ एटीएम में कार्य करने वाले तकनीकी स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया है। डॉ.आर.राजेश कुमार ने कहा तीर्थयात्रियों के लिए टेलीमेडिसिन सेवा की भी सुविधा रखी गई है। इसके द्वारा किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति में 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह प्राप्त की जा सकती है। जिससे बीमारी का तुंरत उपचार शुरू हो सकेगा। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। उन्होंने चारधाम यात्रा ड्यूटी में तैनात होने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मचारियों को पूर्ण सेवाभाव और मनोयोग से यात्रियों की स्वास्थ्य जांच व सहयोग करने की अपील की।