उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। खेल के प्रति उत्तराखण्ड के युवाओं का रुझान हमेशा से ही ज्यादा रहा है। यही कारण है उत्तराखण्ड मूल के कई खिलाड़ी आज राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में रुद्रप्रयाग के एमएमए (मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स) फाईटर अंगद बिष्ट ने चीन में आयोजित विश्व की सबसे खतरनाक फाइट रोड़ टू यूएफसी एमएमए (Road to UFC MMA) के तीसरे सीज़न में जीत दर्ज की। उनकी इस जीत से एमएमए पसंद करने वाले लोगों में खुशी की लहर छा गई।
बता दें, बीते रविवार को चीन के शंघाई में आयोजित रोड टू यूएफसी( Road To UFC) प्रतियोगिता में भारतीय MMA खिलाड़ी के तौर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे अंगद बिष्ट ने अपने प्रतिद्वंद्वी फिलिपींस के जॉन अल्मांजा को अपने जोरदार मुक्कों के प्रहार से परास्त कर सेमीफाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित कर ली है। जहां उनका मुकाबला कोरिया के रेसलर चाई डोंग हुन से होगा। वहीं, अंगद बिष्ट इस मुकाबले के लिए पिछले 5 महीने से तैयारी कर रहे थे जिसके चलते उन्हें यह सफलता हासिल हुई है। इससे पहले भी अंगद ने अपने पिछले तीन विरोधियों को मात दी थी लेकिन रोड टू यूफसी टूर्नामेंट के लिए सेमीफाइनल में अल्मांजा को हराना बेहद जरूरी था। इतना ही नही अंगद रोड टू यूफसी सीजन 3 में फाइट जीतने वाले पहले भारतीय बने हैं।
अपनी मेहनत और लगन से एमएमए (मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स) के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उत्तराखण्ड का नाम रोशन करने वाले अंगद बिष्ट रुद्रप्रयाग के पट्टी धनपुर के चिंग्वाड गांव के रहने वाले है। उनके पिता मोहन सिंह बिष्ट की मिठाई की दुकान हैं। अंगद हमेशा से पढ़ाई लिखाई में अव्वल रहे है। उनके माता-पिता चाहते थे कि वो मेडिकल लाइन में जाएं, जिसके लिए उन्होंने कोचिंग लेना शुरू किया। लेकिन बाद में अंगद ने अपने जुनून का पीछा किया और मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी। यह अंगद की मेहनत का नतीजा है कि वह आज इस मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां हर कोई पहुंचने के सपने देखता है। अंगद बिष्ट फ्लाईवेट कैटेगरी में वर्ल्ड चौंपियन हैं।
उत्तराखण्ड के युवाओं को मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में प्रतिभाशाली बनाने के लिए अंगद बिष्ट देहरादून में म्यूटेंट एम.एम.ए. एकेडमी चलाते हैं। उनसे कोचिंग लेने के लिए देशभर के फाइटर देहरादून आते है। वह महिला फाइटरों को भी कोचिंग दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहाड़ के युवाओं का स्टेमिना और बॉडी स्ट्रक्चर काफी मजबूत होता है, उन्हें बस अच्छी कोचिंग जरूरत है।