Uttarnari header

uttarnari

AHTU पिथौरागढ़ की तत्परता से रूकी नाबालिग लड़की की शादी

उत्तर नारी डेस्क 

बाल विवाह समाज के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। उत्तराखण्ड में नेता और अधिकारी भले ही बाल विवाह न के बराबर होने के दावे करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही हाल बयां करती है। ताज़ा मामला पिथौरागढ़ जिले से सामने आया है। जहां बीती 16 जून को थाना नाचनी क्षेत्रान्तर्गत एक नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी। जिसकी सूचना पुलिस को मिली। जिस पर प्रशासन की टीम गांव पहुंची और गांव पहुंचकर जांच शुरू की। जांच में लड़की की उम्र 18 साल से कम पाई गई है। ऐसे में पुलिस ने दोनों परिवारों की कॉउंसलिंग की और नाबालिग की शादी को रुकवाया।

बता दें, बीती 16 जून को एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पिथौरागढ़ को सूचना मिली कि, थाना नाचनी क्षेत्रान्तर्गत एक नाबालिग लड़की की शादी होने जा रही है। उक्त मामले को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़, रेखा यादव के आदेशानुसार, एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट एवं चाइल्ड हेल्प लाइन टीम नाचनी पहुँची, जहाँ थाना नाचनी पुलिस से उक्त सम्बन्ध में जानकारी करने के पश्चात दोनों पक्षों को थाना नाचनी बुलाया गया तथा लड़की का जन्म प्रमाण पत्र चैक किया गया तो उसकी उम्र- 18 वर्ष से कम होना पाया गया। जिस पर पुलिस टीम द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष दोनों पक्षों की काउन्सलिंग की गयी तथा बाल विवाह से सम्बन्धित कानून के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि नाबालिग की शादी कराना कानूनन अपराध है। दोनों परिवारों द्वारा अपनी गलती स्वीकार करते हुए बताया कि उन्हें कानून की जानकारी नहीं थी, अब वह दोनों के बालिग होने पर ही उनकी शादी करेंगे, जिस सम्बन्ध में उनके द्वारा लिखित प्रार्थना पत्र दिया गया। काउन्सलिंग के पश्चात लड़की को सकुशल उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया।

Comments