उत्तर नारी डेस्क
154वें रेगुलर कोर्स और 137वें टेक्नीकल ग्रेजुएट कोर्स के कुल 394 आफिसर कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना की मुख्यधारा में शामिल हो गए। भारतीय सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड का निरीक्षण कर पास आउट हो रहे आफिसर कैडेट से सलामी ली।
इसी क्रम में पौड़ी गढ़वाल जिले के कल्जीखाल स्तिथ डांगी गांव के रहने वाले हर्ष चौहान भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गये है। इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून में पासिंग आउट परेड के बाद हर्ष ने अपने कंधे पर अफसर वाले सितारे सजाए है। हर्ष के भारतीय सेना में अफसर बनने के बाद से उनके पैतृक गांव में खुशी की लहर है। आपको बता दें, हर्ष चौहान ने वर्तमान में लैंसडाउन में रहने वाले है। हर्ष के दादा स्वर्गीय डॉ रणवीर सिंह चौहान साहित्य जगत में एक बड़ा नाम था। वही हर्ष के प्रदादा हरी शाह कभी लैंसडाउन में प्रसिद्ध स्वर्णकार हुआ करते थे जबकि हर्ष चौहान के पिताजी स्वर्गीय अतुल चौहान एक शिक्षक थे जो अल्प आयु में ही इस संसार से विदा कर गए लेकिन दादा डॉ रणवीर सिंह चौहान का आशीर्वाद और माता शिक्षिका रीना चौहान के पालन पोषण में हर्ष के माथे पर देश भक्ति का जज्बा बचपन से ही झलका था।
बताते चलें कि हर्ष की प्रारंभिक शिक्षा कक्षा 5 वीं तक कॉन्वेंट स्कूल लैंसडाउन में हुई और उच्च माध्यमिक शिक्षा 12वीं तक एमडीएस विद्यालय ऋषिकेश में हुई हर्ष का चयन एनडीए में हो गया। हर्ष की माता वर्तमान में राजकीय प्राथमिक विद्यालय गुमखाल में कार्यरत है। हर्ष चौहान के चाचा अशीष चौहान भी शिक्षक पद पर कार्यरत है। आज उनके स्वर्गीय दादा जी होते तो पोते की इस कामयाबी पर बहुत प्रसन्न होते। पत्रकार जगमोहन डांगी ने बताया कि अपने स्वर्गीय दादा डॉ रणवीर सिंह चौहान की तरह हर्ष चौहान को भी अपनी गांव की माटी और थाती की प्राकृतिक सौंदर्य से बहुत लगाव है। वह स्कूल की छुट्टियों में अपने चाचा के साथ अक्सर गांव आता रहता था यह तक एनडीए में प्रशिक्षण के दौरान भी हर्ष दो बार अपने दोस्तों के साथ गांव आकर अपनी कुलदेवी एवं गांव के बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद जरूर लेना आया था हर्ष की सफलता पर सारा गांव में हर्ष की लहर है।