उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड को वीरों की भूमि यूं ही नहीं कहा जाता। यहां के लोकगीतों में शूरवीरों की जिस वीर गाथाओं का जिक्र मिलता है, पराक्रम के वह किस्से देश-विदेश तक फैले हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि यह देवभूमि हर साल सेना में सबसे अधिक युवाओं को भेजती है। दरअसल, उत्तराखण्डी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। देश के लिए सेवा करने का जज़्बा पाले न जाने कितने ही लोग इस देवभूमि से जाते हैं और मातृभूमि की रक्षा करते हैं। और उसके बाद जब हम यह सुनते हैं कि उत्तराखण्ड की बेटियां सेना में बड़े पदों पर काबिज हैं और तो गर्व से छाती चौड़ी हो जाती है। ऐसे ही राज्य का नाम रौशन करने वाली पहाड़ की बेटी से आज हम आपका परिचय कराएंगे, जिन्होंने शॉर्ट सर्विस कमिशन से भारतीय सेना की मेडिकल कोर में लेफ्टिनेंट का पद हासिल कर एक नया कीर्तिमान रचा है। बता दें, रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि क्षेत्र की रहने वाली प्रियंका नेगी ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल कर अपने परिजनों समेत पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है।
जानकारी के अनुसार, प्रियंका नेगी मूल रूप से रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि क्षेत्र के जग्गी काण्डई गांव की रहने वाली है। प्रियंका के पिता कल्पेंद्र सिंह नेगी ब्लॉक कार्यालय अगस्त्यमुनि में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं तथा उनकी माता पुष्पा नेगी एक गृहणी है। प्रियंका तीन बहन और एक भाई में दूसरे नंबर की है। प्रियंका ने अपनी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई चिल्ड्रन एकेडमी इंटरमीडिएट कॉलेज से की। फिर इसके बाद प्रियंका ने बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कंबाइंड मेडिकल इंस्टीट्यूट, देहरादून और एमएससी नर्सिंग की पढ़ाई स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय देहरादून से की। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उनका चयन सैफई मेडिकल कॉलेज, इटावा (यूपी) में नर्सिंग अधिकारी के पद पर हुआ। केवल छह महीने के अंदर ही उन्होंने भारतीय सेना के मेडिकल कोर में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत लेफ्टिनेंट पद प्राप्त कर लिया। वर्तमान में वे सेना अस्पताल जम्मू में लेफ्टिनेंट के रूप में प्रशिक्षण ले रही हैं। इतना ही नही प्रियंका का पहले से ही मेडिकल सर्विस में जाकर जरूरतमंदों की मदद करने का सपना रहा है और सेना से जुड़ने के बाद वह अपने आप को बहुत धन्य मानती है।