उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य सुविधाएं लचर है। पहाड़ में आज की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं। पहाड़ों में न ही पर्याप्त चिकित्सक हैं, न स्टाफ। वहीं, चिकित्सा उपकरणों की स्थिति से भी सब वाकिफ है। आए दिन पहाड़ों से दुखद खबरें आती रहती हैं। वहीं अब ताजा मामला चमोली जिले के विकासखंड देवाल के सुदूरवर्ती गांव बलाण से सामने आ रहा है।
जहां एक 22 वर्षीय महिला अनीशा, पत्नी भूपाल सिंह का 5-6 दिन पहले गांव में ही प्रसव हुआ था, प्रसव के बाद से ही महिला का स्वास्थ्य खराब होने लगा, लेकिन रविवार की रात महिला का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया और वह चलने फिरने में भी असमर्थ हो गई, जिसके बाद सोमवार को ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत कर लगभग साढ़े तीन किलोमीटर पैदल दूरी तय कर बीमार महिला को डंडी/डोली के सहारे कालीताल नामक स्थान पर सड़क तक लेकर आए।
इस दौरान महिला को एक वाहन से घेस के पास तक पहुंचाया गया, घेस में दो स्थानों पर सड़क भूस्खलन से बंद होने के कारण महिला को लगभग एक किलोमीटर की पैदल दूरी फिर तय कर एक बार फिर से कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों द्वारा भूस्खलन प्रभावित सड़क से पार करवाया गया। वहीं एक अन्य वाहन द्वारा लगभग 1 बजे उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में भर्ती कराया गया, जहां महिला का उपचार चल रहा है।
इस पूरे मामले को लेकर युवा कांग्रेस थराली के विधानसभा अध्यक्ष प्रदीप दानू ने बताया कि सड़क स्वीकृति होने के 6 महीने बाद भी जब PMGSY द्वारा सड़क निर्माण का कार्य शुरू नही किया गया तो विवश होकर 2024 लोकसभा चुनाव में सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पूर्ण रुप से चुनाव बहिष्कार भी किया था। लेकिन आज तक भी सड़क निर्माण का कार्य शुरू नही हो पाया है, जिस कारण गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग, बीमार ग्रामीणों को आपातकालीन स्थितियों में डंडीयों के सहारे सड़क तक लाने के लिए मजबूर हैं। ग्रामीणों ने शासन व प्रशासन से मोटर मार्ग के कार्य को शीघ्र प्रारंभ करने की गुजारिश की है।