उत्तर नारी डेस्क
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखण्ड के 5 जवान सूबेदार आनंद सिंह, हवलदार कमल सिंह, राइफलमैन अनुज नेगी, राइफलमैन आदर्श नेगी, नायक विनोद सिंह शहीद हो गए, जिनके घर मातम का माहौल है। किसी ने अपना बेटा खो दिया किसी ने भाई, तो किसी ने पति। परिवार के लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा कि अब वे अपने बेटे, भाई, पति से फिर कभी नहीं मिल पाएंगे। शहीद परिवारों के दर्द को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
हवलदार कमल सिंह ने आतंकी हमले से कुछ देर पहले अपनी पत्नी को किया था वीडियो कॉल
कोटद्वार रिखणीखाल के नौदानू (पापड़ी) ग्राम निवासी हवलदार कमल सिंह (35) पुत्र स्व. केशर सिंह ने अपनी पत्नी रजनी देवी से सोमवार दोपहर करीब एक बजे वीडियो कॉल पर बात की थी। जिसमें उन्होंने ड्यूटी व गश्त के लिए जाने की बात कही थी। रजनी देवी ने शायद ही उस समय सोचा होगा कि ये पति से उनकी आखिरी बार बात हो रही है। इसके कुछ समय बाद ही उस ट्रक पर आतंकियों ने हमला कर दिया, जिसमें हवलदार कमल सिंह अपने साथियों के साथ सवार थे। इस आतंकी हमले में हवलदार कमल सिंह शहीद हो गए। जैसे ही परिजनों को देर रात कमल सिंह के बलिदान होने की सूचना मिली तो परिजनों में कोहराम मच गया। सभी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उनकी दादी को यकीन ही नहीं हो रहा कि अब उनका पोता इस दुनिया में नहीं रहा।
हवलदार कमल सिंह की पत्नी रजनी अपनी दो बेटियों 10 साल की अंशिका व 4 साल की अनिका की बेहतर शिक्षा के लिए इसी साल से कोटद्वार के पदमपुर सुखरो में किराए में रह रही है। ड्यूटी पर जाने से पहले जून में ही हवलदार कमल सिंह अपनी पत्नी और बेटियों से वादा करके गए थे कि वह दीपावली पर उनके पास आएंगे, लेकिन आई तो उनके बलिदान की खबर। वहीं, वीरगति को प्राप्त हवलदार कमल सिंह रावत का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचा तो वैसे ही उनकी पत्नी, बेटियों मां का रो रो कर बुरा हाल हो गया। आज मंगलवार को हवालदार कमल सिंह रावत को गांव के निकट मंदाल नदी के तट पैतृक घाट में चाचा कल्याण सिंह ने मुखाग्नि दी। वीरगति प्राप्त सैनिक का पार्थिक शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। हवलदार कमल सिंह साल 2007 में सेना में भर्ती हुए थे। इस समय वह 22वीं गढ़वाल राइफल में थे।