उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी के विधानसभा परिसर भराडीसैंण के नजदीकी सारकोट गांव के हवलदार बसुदेव सिंह परोडा ने लद्दाख क्षेत्र के लेह में सीमाओं की रक्षा के दौरान हुए ब्लास्ट में अपना स्वरूप सर्वोच्च बलिदान दिया है। घटना की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर छाई हुई है, वहीं शहीद का अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घाट पर किया जाएगा।
मिली जानकारी अनुसार 16 अगस्त को बंगाल इंजीनियरिंग की 55 रेजिमेंट के 30 वर्षीय हवलदार बसुदेव सिंह परोडा लद्दाख क्षेत्र के लेह में तैनात थे। इस दौरान एक महत्वपूर्ण एक्सरसाईज क्लोजिंग के दौरान हुए ब्लास्ट में गिरे शेल्टर की चपेट में आने से बसुदेव शहीद हो गये। वहीं घटना में एक जेसीओ ओर दो जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गये थे।
बताते चलें कि चार भाइयों बहनों में सबसे छोटे बसुदेव सबके लाडले थे। अप्रैल माह में छुट्टी काटकर गए थे और दीपावली पर घर आने की बात कही थी। बसुदेव के दो बड़े भाइयों में जगदीश और सतीश प्राइवेट नौकरी करते हैं, जबकि बहन बैसाखी देवी विवाहित हैं. पिता हवलदार फते सिंह सेना से रिटायर होने के बाद नाती-पोतों के साथ अपना जीवन बीता रहे थे,लेकिन असमय बेटे की मौत की सूचना ने उन्हें हिला कर रख दिया है।
पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह ने बताया कि शहीद बसुदेव का अंतिम संस्कार सोमवार को उनके पैतृक घाट मोटूगाड में किया जाएगा। उपजिला अधिकारी गैरसैंण संतोष पांडेय ने बताया कि शहीद सैनिक की अंत्येष्टि पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ की जाएगी। शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर लेफ्टिनेंट अवतार सिंह की सैन्य टीम सोमवार सुबह 8बजे सारकोट पंहुचेगी।