उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में निकाय चुनाव को लेकर के अटकलों को एक बार फिर से विराम लग गया है। शुक्रवार को 30 अगस्त को सचिव शहरी विकास नितेश झा ने इस संबंध में आदेश पारित किया है। आपको बता दें कि 1 दिसंबर 2023 को सभी निकायों का कार्यकाल पूरा हो गया था। इसके बाद कोर्ट में मामला होने की वजह से 6 महीने के लिए सभी निकायों में प्रशासक तैनात कर दिए गए थे।
निकाय में तैनात किए गए 6 महीने के लिए प्रशासकों की अवधि 2 जून 2024 को समाप्त हुई। लेकिन इस समय प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता प्रभावी थी। जिसके चलते संवैधानिक बाध्यता का हवाला देते हुए सरकार ने निकाय चुनाव अगले 3 महीने के लिए टाल दिए थे। वहीं प्रदेश में विधानसभा के मानसून सत्र और लगातार आपदाओं घटनाओं के बाद उम्मीद की जा रही थी कि मानसून सीजन निपटने के बाद कोर्ट में अगली तारीख 25 अक्टूबर से पहले प्रदेश में निकाय चुनाव करवा लिए जाएंगे। लेकिन एक बार फिर उत्तराखण्ड शासन ने निकाय चुनाव टाल दिए हैं।
शासन द्वारा जारी किए गए आदेश में ओबीसी का सर्वे समय से पूर्ण न होने की वजह से निकाय चुनाव में देरी की वजह बताई गई है। निकाय चुनाव के लिए कई तकनीकी पेंच आड़े रहे हैं। सरकार द्वारा भले ही ओबीसी सर्वे का हवाला दिया गया, लेकिन इसके अलावा निकायों में आरक्षण को लेकर के भी सरकार की तैयारी पूरी नहीं है।