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उत्तराखण्ड की गीतांजलि बगड़वाल बनी सेना में लेफ्टिनेंट, नर्सिंग ऑफिसर के पद पर मिली तैनाती

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड को वीरों की भूमि यूं ही नहीं कहा जाता। यहां के लोकगीतों में शूरवीरों की जिस वीर गाथाओं का जिक्र मिलता है, पराक्रम के वह किस्से देश-विदेश तक फैले हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि यह देवभूमि हर साल सेना में सबसे अधिक युवाओं को भेजती है। दरअसल, उत्तराखण्डी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। देश के लिए सेवा करने का जज़्बा पाले न जाने कितने ही लोग इस देवभूमि से जाते हैं और मातृभूमि की रक्षा करते हैं। और उसके बाद जब हम यह सुनते हैं कि उत्तराखण्ड की बेटियां भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना में बड़े पदों पर काबिज हैं तो गर्व से छाती चौड़ी हो जाती है। ऐसे ही राज्य का नाम रौशन करने वाली पहाड़ की बेटी से आज हम आप सब का परिचय कराएंगे, जो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बता दें, नैनीताल जिले के हल्द्वानी की गीतांजलि बगड़वाल ने बीएससी नर्सिंग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सेना की तैयारी शुरू की और कठिन परिश्रम से उन्होंने यह सफलता हासिल की है। उन्हें एयरफोर्स कमांड हॉस्पिटल बेंगलुरु में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया गया है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है। 

बता दें, गीतांजलि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मोहनलाल शाह बाल विद्या मंदिर नैनीताल से की। इसके बाद उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से बीएससी नर्सिंग का चार साल का कोर्स पूरा किया। जिसके बाद गीतांजलि ने उत्तराखण्ड की CHO भर्ती में 12वीं रैंक हासिल की, और उन्हें मंगोली नैनीताल में तैनाती मिली। गीतांजलि ने लगभग चार महीने CHO के रूप में अपनी सेवाएं भी दी। इसके अलावा गीतांजलि ने एम्स में भी भर्ती परीक्षा पास की। और साथ ही सेना के लिए MNS नर्सिंग ऑफिसर की परीक्षा को भी पास कर दिखाया। पासिंग आउट परेड के बाद उन्हें एयर फोर्स कमांड हॉस्पिटल बेंगलुरु में तैनाती मिली है। बेटी की उपलब्धि पर परिवार में बेहद खुशी का माहौल है। गीतांजलि की इस अभूतपूर्व सफलता पर उत्तर नारी की टीम की ओर से उन्हें ढ़ेर सारी बधाई और शुभकामनाएं।

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