Uttarnari header

हरिद्वार : श्री बालाजी ज्वैलर्स डकैती मामले में चौथा आरोपी गिरफ्तार

 उत्तर नारी डेस्क 

दिनांक 1 सितंबर को कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्रांतर्गत श्री बालाजी ज्वेलर्स में दिनदहाड़े हथियार बंद बदमाशों द्वारा डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था। एसएसपी द्वारा बदमाशों की चुनौती को स्वीकार कर पुलिस टीमें गठित की जिसमें पुलिस टीम द्वारा डकैती में शामिल 2 अभियुक्तों गुरदीप सिंह व जयदीप सिंह को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है व एक बदमाश सत्येंद्र पाल पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।

डकैती में शामिल अन्य बदमाशों सुभाष एवं अमनदीप की तलाश में जुटी हरिद्वार पुलिस टीम को तब सफलता हाथ लगी जब कल देर सांय आरोपी अमनदीप काम्बोज को खंडवा चौक यमुनानगर हरियाणा से दबोचा गया। अभियुक्तों गुरदीप सिंह, जयदीप सिंह व अमन कांबोज की अलग-अलग समय गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कई अहम जानकारियां पुलिस के हाथ लगीं --


कैसे और कितने महीनों से कर रहे थे डकैती की रैकी

अमन कांबोज, लक्की व सुभाष पिछले लगभग चार महीनों से हरिद्वार में अलग-अलग ज्वेलर्स की दुकानों में रैकी कर डकैती की घटना करने की योजना बना रहे थे और श्री बालाजी ज्वैलर्स डकैती की घटना से लगभग चार दिन पहले ही हरिद्वार आकर आम इंसान की भांति सामान्य जीवन यापन कर बाइक व स्कूटी में घूमकर इस दुकान की बेहद बारीकी से लगातार रैकी कर रहे थे।


किस प्रकार की दुकानों को करते थे टारगेट

आरोपी ऐसी दुकानों को टारगेट करते थे जिनमे गार्ड न हो या गार्ड बुजुर्ग हो या गार्ड के पास किसी भी प्रकार का कोई हथियार न हो जिससे इनको घटना करने में आसानी हो साथ ही ऐसे समय पर घटना को अंजाम देते थे जब आवाजाही कम हो। इसलिए श्री बालाजी ज्वेलर्स में घटना करने के लिए रविवार का दिन चुना गया क्योंकि इस दिन और दिनों की अपेक्षाकृत भीड़ कम रहती है इसलिए पकड़े जाने के चांस भी कम थे।


मॉडस ऑपरेंडी क्या था

सबसे पहले पूरे जनपद में घूम घूम कर दुकान का चयन होता था। आने एवं जाने के सभी रास्तों को बारीकी से देखा जाता था। आरोपी घटना से पूर्व होटल/धर्मशाला में रुकने के लिए फर्जी आईडी का प्रयोग करने के साथ साथ फर्जी फोन नंबर दर्ज कराते थे। कंप्लीट रैकी कर चिन्हित की गई शॉप में घुसकर चंद मिनटों में दुकान कर्मचारियों का मोबाइल छीनकर, फायर करके एकदम दहशत फैलाकर हथियार के बल पर डरा धमकाकर लूटपाट करते थे और जाते समय मिर्च का स्प्रे मार देते थे जिससे इनको भागने का टाइम मिल जाए। साथ ही लूट/डकैती में प्रयुक्त वाहनों को कुछ आगे ले जाकर नहर या झाड़ी या गुमनाम जगह में डाल/छोड़ कर भागने के लिए थोड़े समय बाद दूसरे वाहन (यहां पर कार) का प्रयोग करते थे। इसीलिए आसानी से किसी के पकड़ में नहीं आ पाते थे।


टोल से बचकर भागने की प्लानिंग क्या थी

घटना के बाद अपनी गाड़ियों एवं रास्तों की ट्रैकिंग की पहचान छुपाने के लिए रास्ते में पड़ने वाले अलग-अलग टोलों के सीसीटीवी से बचकर फरार हो जाते थे। यह कभी भी मुख्य मार्ग का इस्तेमाल नहीं करते थे गांव देहात के पगडंडियों व कच्चे रास्तों का भी इस्तेमाल करते थे ताकि कैमरे की नजर में ना आ सकें और पुलिस इनको ट्रैक करके किसी भी फाइनल नतीजे पर ना पहुंच सके लेकिन इनकी सभी चालाकी हरिद्वार पुलिस के आगे फेल हो गई और ये पकड़े गए।


किन-किन प्रदेशों मे दे चुके थे घटनाओं को अंजाम

आरोपी पूर्व में उत्तराखण्ड व हिमाचल में लूट/डकैती की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं एवं इनका मुखिया सुभाष का "कराटे गैंग" हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। कई राज्यों की पुलिस सुभाष उपरोक्त की तलाश कर रही है।

अमन कांबोज, लक्की व सुभाष ने कुछ समय पूर्व ऊना हिमाचल प्रदेश में मुथुट गोल्ड फाइनेंस में भी लूट का प्रयास किया था जहां ये सायरन बजने की वजह से पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाए लेकिन कर्मचारियों का मोबाइल छीनकर और फायर करके मौके से भाग गए थे।


कौन-कौन हैं इनके मददगार

पुलिस द्वारा इस बात की भी जानकारी निकाली जा रही है कि इनको स्थानीय स्तर व प्रदेश स्तर में किसी प्रकार की कोई मदद तो नहीं की गई?


अभियुक्त अमनदीप से क्या-क्या बरामद हुआ/कराया-

मुख्य अभियुक्त सुभाष द्वारा घटना में शामिल होने पर अमनदीप को ₹50000 दिए गए थे जिसमें से अमनदीप द्वारा ₹25000 का वीवो फोन और कुछ पैसे खर्च होने के बाद ₹13500 बरामद हुए थे।

गुरुवार को सुबह अमनदीप द्वारा घटना में इस्तेमाल मोटरसाइकिल एवं स्कूटी बरामद कराई जिनको इनके द्वारा घटना करने के तुरंत बाद भागने में इस्तेमाल किया गया था।

मोटरसाइकिल को रेगुलेटर पुल से थोड़ी दूरी पर नहर पटरी वाले मार्ग में गंगनहर के अंदर से बरामद कराया जिसको क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया जबकि घटना में इस्तेमाल हुई स्कूटी को रेगुलेटर पुल से नहर पटरी वाले मार्ग में तकरीबन 200 मीटर आगे घनी झाड़ियों के बीच से पुलिस को बरामद कराया। जिसकी वीडियो एवं फोटोग्राफी मौके पर की गई।

               

नाम पता अभियुक्त

1- सतेंद्र पाल उर्फ लक्की पुत्र राजपाल सिंह निवासी मुक्तसर पंजाब उम्र करीब 32 वर्ष (पुलिस मुठभेड़ में मृत)  


2 - गुरदीप सिंह उर्फ मोनी पुत्र बूटा सिंह निवासी मूसा साहब बूढ़ा गुर्जर रोड मेंमां सिंह बस्ती थाना सिटी मुक्तसर पंजाब 

(गिरफ्तार वर्तमान में जेल)


3- जयदीप सिंह उर्फ माना पुत्र धर्मेंद्र सिंह उर्फ राजू निवासी मूसा साहिब  गुर्जर रोड मेंमासिंह बस्ती थाना सिटी मुक्तसर जिला मुक्तसर पंजाब

(गिरफ्तार वर्तमान में जेल)


4- अमनदीप सिंह पुत्र कश्मीरी लाल नि0 ग्राम पिन्डी थाना गुरु हरसहाई जिला फिरोजपुर पंजाब (दिनांक-18-09-2024 को गिरफ्तार)


5- सुभाष निवासी दिल्ली 

    (फरार, तलाश जारी)

Comments