उत्तर नारी डेस्क
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर पैदल यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के इंतजाम और अधिक पुख्ता होंगे। यात्रा मार्ग पर भारी बारिश के बीच स्लाइडिंग एवं डेंजर जोन में अब यात्रियों को हेलमेट पहन कर रास्ते पार करवाए जाएंगे। ऐसे स्थानों पर यात्रियों को जागरूक करने एवं सतर्कता की जानकारी देने को अनाउंसमेंट सिस्टम एवं अलर्ट लाइट्स का भी सहारा लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में गढ़वाल कमिश्नर शंकर पांडेय, आपदा सचिव विनोद सुमन ने केदारनाथ यात्रा एवं आपदा संबधित बैठक लेने केदार घाटी पहुंचे। बैठक के दौरान उन्होंने मानसून सीजन के बाद शुरू हुई दूसरे चरण की यात्रा एवं 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते हुई क्षति के बाद हुए पुनर्स्थापन कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र एवं पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने जिलाधिकारी सौरभ गहरवार से सड़क एवं पैदल यात्रा मार्ग की पुनर्स्थापना के लिए किए जा रहे कार्यों की रिपोर्ट लेते हुए। इस वर्ष की शेष यात्रा काल के लिहाज से अनिवार्य कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मास्क एवं हेलोजन लाईट लगवाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश के चलते बार बार भूस्खलन यात्रा मार्ग पर हो रहा है ऐसे में मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि केदारनाथ यात्रा सुगम एवं सुरक्षित हो इसके लिए सभी विभाग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन संवेदनशीलता के साथ करें।
आपदा सचिव विनोद सुमन ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा सुरक्षा के साथ सुचारू रखने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा लगातार समीक्षा बैठकें की जा रही हैं। अब तक करीब 30 करोड़ रुपए मुआवजा एवं पुनर्थापना कार्यों के लिए मुख्यमंत्री स्वीकृत कर चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सड़क एवं पैदल मार्गों पर हुई क्षति की पुनर्थपना का ध्यान रखते हुए तेजी से करने के निर्देश दिए।