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उत्तराखण्ड की अंजलि बनी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड को वीरों की भूमि यूं ही नहीं कहा जाता। यहां के लोकगीतों में शूरवीरों की जिस वीर गाथाओं का जिक्र मिलता है, पराक्रम के वह किस्से देश-विदेश तक फैले हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि यह देवभूमि हर साल सेना में सबसे अधिक युवाओं को भेजती है। दरअसल, उत्तराखण्डी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। देश के लिए सेवा करने का जज़्बा पाले न जाने कितने ही लोग इस देवभूमि से जाते हैं और मातृभूमि की रक्षा करते हैं। और उसके बाद जब हम यह सुनते हैं कि उत्तराखण्ड की बेटियां भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना में बड़े पदों पर काबिज हैं तो गर्व से छाती चौड़ी हो जाती है। ऐसे ही राज्य का नाम रौशन करने वाली पहाड़ की बेटी से आज हम आप सब का परिचय कराएंगे, जो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बता दें, मूल रूप से जनपद रूद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि के समीप हाट गांव निवासी अंजलि ने मिलिट्री नर्सिंग सर्विसेज परीक्षा में 328वीं रैंक हासिल कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने का गौरव हासिल किया है। उनकी यह सफलता पूरे क्षेत्र और जनपद के लिए सम्मान और गर्व की बात है। 

बता दें, हाल ही में अंजलि ने पुणे के सेना अस्पताल में लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यभार संभाला है और अब वह सेना में सेवाएं दे रही हैं। वहीं, अंजलि की शिक्षा अगस्त्य पब्लिक स्कूल गंगानगर अगस्त्यमुनि से हुई और इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने अरिहंत कॉलेज ऑफ नर्सिंग कनखल हरिद्वार से बीएससी नर्सिंग का कोर्स पूरा किया। उनके पिता मुरारी दत्त गोस्वामी गाँव में इलेक्ट्रिशियन हैं, जबकि उनकी माता अनीता देवी जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका हैं। अंजलि की सफलता आज पूरे समाज के लिए प्रेरणा है, खासकर उन बेटियों के लिए जो अपने सपनों को साकार करने की राह पर हैं।

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