उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड को वीरों की भूमि यूं ही नहीं कहा जाता। यहां के लोकगीतों में शूरवीरों की जिस वीर गाथाओं का जिक्र मिलता है, पराक्रम के वह किस्से देश-विदेश तक फैले हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि यह देवभूमि हर साल सेना में सबसे अधिक युवाओं को भेजती है। दरअसल, उत्तराखण्डी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। देश के लिए सेवा करने का जज़्बा पाले न जाने कितने ही लोग इस देवभूमि से जाते हैं और मातृभूमि की रक्षा करते हैं। और उसके बाद जब हम यह सुनते हैं कि उत्तराखण्ड की बेटियां भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना में बड़े पदों पर काबिज हैं तो गर्व से छाती चौड़ी हो जाती है। ऐसे ही राज्य का नाम रौशन करने वाली पहाड़ की बेटी से आज हम आप सब का परिचय कराएंगे, जो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बता दें, मूल रूप से नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी में रहने वाली मीनाक्षी पांडे की, जो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बीते रोज चेन्नई में आयोजित पासिंग आउट परेड में उन्हें लेफ्टनेंट की उपाधि दी गई। इस दौरान उनके माता-पिता ने स्वयं बेटी के कंधों पर सितारे सजाकर उन्हें भारतीय सेना को समर्पित किया। मीनाक्षी की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उन्हें बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है।
जानकारी के अनुसार, मीनाक्षी पांडे ने कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) परीक्षा उत्तीर्ण कर यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा निर्मला कान्वेंट स्कूल हल्द्वानी से प्राप्त की। उसके बाद मीनाक्षी ने वनस्थली विद्यापीठ से बीटेक की डिग्री हासिल की है। उनके पिता विकास पांडे जहां एमबीपीजी कॉलेज में कार्यरत हैं वहीं उनकी मां विमला पांडे राजकीय विद्यालय में बतौर शिक्षिका कार्यरत हैं। मीनाक्षी ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और गुरूजनों को दिया है।