उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में पिछले दो-तीन दिन बारिश ने जमकर कोहराम मचाया है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और भूधंसाव होने से स्थानीय लोगों और तीर्थ यात्रियों को काफी मुसीबतें उठानी पड़ीं। शनिवार को देहरादून सहित पर्वतीय जनपदों में कहीं-कहीं बारिश हुई, जबकि इससे पहले दोपहर तक धूप खिली रही। लेकिन शाम के समय बारिश होने से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई।
उत्तराखण्ड में आज बारिश से कुछ राहत की उम्मीद है। देहरादून सहित कुछ जनपदों में कहीं-कहीं हल्के बादल छाए रह सकते हैं। 17 सितंबर से एक बार फिर मॉनसून सक्रिय होगा और बारिश होने की भी संभावना है।
शनिवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 28.1 और न्यूनतम तापमान 23.3 डिग्री सेल्सियस रहा। पंतनगर का अधिकतम तापमान 29.0 और न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस रहा। मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान 17.9 और न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया है कि अगले दो दिन बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि 17 सितंबर से मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हो सकता है। उधम सिंह नगर और हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों में बारिश होने की संभावना है। वहीं शनिवार को मसूरी-टिहरी ओल्ड रोड पर हुए भारी भूस्खलन के कारण रास्ता बंद रहा। जिसके कारण पैदल आवाजाही भी ठप हो गई। देर शाम को इस मार्ग पर मलबा हटाकर यातायात को सुचारु किया जा सका।
जनपद नैनीताल की बात करें तो यहां पहाड़ से मैदान तक बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से अस्तव्यस्त कर दिया। यहां पहाड़ को जोड़ने वाले कई रास्ते बाधित हैं। वहीं हल्द्वानी शहर की गौलापार से जोड़ने वाले नदी पर बने पुल को गौला के उफान से नुकसान पंहुंचा है।पुल की एप्रोच वाल टूटने से सड़क का हिस्सा धस गया ।
जिसके चलते पुलिस प्रशासन ने रूट डायवर्जन लागू किया साथ ही पुल पर आवाजाही को पूर्णतया बंद कर दिया है। यहां आपको बताते चलें गौला के बढ़े जलस्तर से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम भी खतरे की ज़द में आ गया है।जिलाधिकारी वंदना ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायज़ा लिया। वहीं अधिकारियों को एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। गौला नदी का जलस्तर कम होने पर पोकलैंड मशीनों से चैनाइलाइजेशन का कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया जाएगा।
उधर बारिश का सिलसिला कम होने के बाद शनिवार को तीर्थयात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना हुए। लगातार बारिश के चलते इन तीर्थ यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। पैदल मार्ग सहित सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच हाईवे पर सभी लैंड स्लाइडिंग जोन में एसडीआरएफ और पुलिस तैनात है जो आवाजाही में यात्रियों को मदद कर रही है।