उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की होनहार बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। खासतौर पर खेल के क्षेत्रों में अभूतपूर्व मुकाम हासिल कर रही है। अच्छा लगता है जब बेटियां अपने हुनर और परिश्रम के बदौलत अपने परिजनों का तो गौरव बढ़ती ही है साथ ही सफलता के कई मुकाम भी हासिल कर प्रदेश और देश को भी गौरवान्वित भी करती है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिनका चयन उत्तराखण्ड की अंडर-19 क्रिकेट टीम में हुआ है।
बता दें, पौड़ी गढ़वाल जिले के खिर्सू विकासखंड के मरगांव की रहने वाली सलोनी उत्तराखण्ड अंडर-19 क्रिकेट टीम के लिए चयनित हुई है जो पूरे क्षेत्र के लिए बेहद गर्व की बात है। सलोनी का चयन विकेट कीपर बल्लेबाज के रूप में हुआ है। दरअसल, ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी सलोनी ने सीमित संसाधनों में ही अपनी प्रतिभा को खूब निखारा है। सलोनी के पिता धीरेंद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में नौकरी करते हैं जबकि माता देवंती देवी गृहणी है। सलोनी वर्तमान में जीआईसी चौरीखाल में 11वीं कक्षा की छात्रा हैं। जो अपनी छोटी बहन सपना को गांव के बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते देख प्रेरित हुई थी। जिसके चलते उनके मन में भी क्रिकेट के प्रति रुचि बढ़ने लगी और 2 साल पहले उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच खेले जा रहे मैच में अपनी इस रुचि को जुनून में बदल दिया। इसके बाद उन्होंने क्रिकेट को संघर्ष की राह बना ली और नियमित मेहनत करते हुए अपनी प्रतिभा को निखारने में जुट गईं। सलोनी की यह यात्रा उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत की कहानी है, जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
सलोनी के इस जुनून को साकार करने में योग और व्यायाम शिक्षक नरेन गोदियाल ने द्रोणाचार्य की भूमिका निभाई है जिसकी बदौलत आज सलोनी उत्तराखण्ड की क्रिकेट टीम के लिए चयनित हुई है। इतना ही नहीं बल्कि नरेन गोदियाल सलोनी और सपना दोनों को प्रशिक्षण दे रहे है।
बताते चले सीमित संसाधनों में खुद को तराशकर हीरा बनी सलोनी पहले भी अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत चुकी हैं। जिला नैनीताल, रामनगर में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पौड़ी की क्रिकेट टीम की तरफ से खेलते हुए सलोनी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता के लिए चुना गया है।