उत्तर नारी डेस्क
सीजनल इन्फ्लुएंजा ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस(एचएमपीवी) को लेकर उत्तराखंड भी अलर्ट मोड पर है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीमारी को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड, बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड समेत सभी अन्य इंतजाम सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
प्रभारी महानिदेशक स्वास्थ्य डा. सुनीता टम्टा की ओर से जारी एडवाइजरी में बताया गया कि फिलहाल उत्तराखंड में किसी भी मरीज में बीमारी के लक्षणों की पुष्टि नहीं हुई है। पूरे विश्व में जरूर श्वसन तंत्र रोग का प्रसार हो रहा है.इस बीमारी में भी अन्य श्वसन तंत्र रोगों के समान ही सर्दी जुकाम एवं फ्लू जैसे लक्षण पाए जाते हैं। सामान्य सर्दी जुकाम के लक्षणों की तरह बीमारी में भी लक्षण पाए जाते हैं। जो तीन से पांच दिन के भीतर ठीक हो जाती है। ऐसे में डरने की जरूरत नहीं है। सिर्फ एहतियात के तौर पर बीमारी से रोकथाम को जरूरी दिशा निर्देशों का पालन किया जाए। सभी अस्पतालों को सभी जरूरी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। अस्पताल और समुदाय स्तर पर लक्षण वाले मरीजों की सघन निगरानी पर जोर दिया।ऐसे मरीजों की अनिवार्य रूप से इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफोर्मेशन प्लेटफार्म पोर्टल में प्रविष्टि की जाए। समुदाय स्तर पर यदि किसी जगह बीमारी की क्लस्टरिंग मिलती है, तो उस स्थान पर जांच सुविधा की उपलब्धता और तत्काल नियंत्रण, रोकथाम की कार्रवाई की जाए।
समय रहते उठाएं एहतियाती कदम:-
स्वास्थ्य विभाग ने सभी चिकित्सालयों को निर्देश दिए हैं कि वे इन्फ्लुएंजा, निमोनिया और अन्य श्वसन संबंधित रोगों के उपचार के लिए आवश्यक सुविधाओं जैसे आईसोलेशन बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और PPE किट्स की पर्याप्त व्यवस्था करें। साथ ही, चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
सघन निगरानी की योजना:-
समुदाय और चिकित्सालयों में Influenza like Illness (ILI) और Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के लक्षणों वाले रोगियों की सघन निगरानी की जाएगी। सभी रोगियों का डेटा Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।
क्लस्टरिंग पर त्वरित प्रतिक्रिया:-
यदि किसी स्थान पर ILI/SARI के मामलों में बढ़ोतरी होती है, तो त्वरित जांच और नियंत्रण कार्यवाही की जाएगी। रैपिड रेस्पांस टीम द्वारा किसी भी असामान्य स्थिति की निरंतर निगरानी की जाएगी।
सार्वजनिक जागरूकता पर जोर:
सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इन्फ्लूएंजा और अन्य श्वसन रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
इन बातों का रखें ध्यान:-
बच्चों, बुजुर्गों समेत अन्य गंभीर रोग से ग्रसित लोगों में विशेष सावधानी बरती जाए।
छींकते, खांसते समय नाक, मुंह को ढकने के लिए रूमाल, टिश्यू का इस्तेमाल करें।
भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, साबुन पानी से हाथों को स्वच्छ रखें।
अधिक मात्रा में पानी, तरल पदार्थों का सेवन करते हुए पौष्टिक आहार लें।
सर्दी, जुकाम, बुखार के लक्षण पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें।