उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के होनहार युवाओं का भारतीय सेना में जाना बचपन से देखा एक सपना होता है। भारतीय सेना में शामिल होने के सपने को साकार करने के लिए कई युवा जी तोड़ मेहनत कर सेना में जगह बनाते है और राज्य का नाम गौरवान्वित करते हैं। आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। हम बात कर रहे हैं देहरादून के रहने वाले आकाश राणा की, जो बीते दिनों ओटीए चेन्नई में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में अंतिम पगबाधा पार कर बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना में शामिल होकर लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं। MMA फाइटर से लेकर आर्मी ऑफिसर बनने का उनका सफर बहुत ही दिलचस्प है और किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। वहीं, उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है।
बता दें, आकाश राणा हमेशा से ही भारतीय सेना में भर्ती होना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले 10+2 टेक्निकल एंट्री से कोशिश की, लेकिन सेलेक्शन नहीं हो पाया। उसके बाद आकाश ने 2013 से 2018 के बीच कई प्रयास किए लेकिन उनका में आर्मी में सेलेक्शन नहीं हो पाया। आर्मी में सिलेक्ट नहीं हो पाए तो आकाश ने पहले बीएससी और फिर उत्तरांचल यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल मार्केटिंग में स्पेशलाइजेशन के साथ एमबीए की डिग्री हासिल की। इसके अलावा आकाश ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में शॉटोकन कराटे में डैन-1 ग्रेड बेल्ट हासिल करके की। उन्होंने लगातार 2013 और 2014 में मय थाई और K1 में राष्ट्रीय चैंपियन खिताब जीते और 2016 में लाइटवेट श्रेणी में इंडिया ओपन एमएमए चैंपियनशिप में जीत हासिल की। रिंग में उनकी सफलता ने उन्हें हरियाणा टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली सुपर फाइट लीग के साथ एक प्रोफेशनल MMA के लिए प्रेरित किया।
सेना में बने क्लर्क-
आकाश राणा ने इस बीच सेना में भर्ती होने के अपने सपने को नहीं छोड़ा और वे आखिरकार मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप में बतौर क्लर्क के पद पर भर्ती हुए। यहां उन्होंने बॉक्सिंग और रेसलिंग में बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने सिल्वर मेडल भी जीता। सीडीएस परीक्षा में बार-बार मिल रही असफलता के बाद, उनके कंपनी कमांडर ने उन्हें आर्मी कैडेट कॉलेज (ACC) के लिए कोशिश करने की सलाह दी। जिसके बाद आकाश ने ACC परीक्षा पास की, और उन्हें चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी के यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग में प्रतिष्ठित यंग लीडर्स कोर्स (YLC) के लिए चुना गया। इसके बाद आकाश ने ACC SSB इंटरव्यू भी पास किया। जिसके बाद वे इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) के ACC विंग शामिल होने के लिए तैयार थे। लेकिन तभी कोविड-19 के कारण आकाश को जम्मू-कश्मीर में तैनाती दी गई। कोविड खत्म होने को था कि आकाश कि आंख में चोट भी लग गई और फिर से उन्हें IMA जाने के लिए कुछ दिन और इंतजार करना पड़ा। आँख ठीक होने के बाद आकाश ने IMA ज्वाइन किया, इस कोर्स में उनके शानदार परफॉर्मेंस के लिए उन्हें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ गोल्ड मेडल दिया गया। उसके बाद इस साल यानि 2024 में उन्हें मिस्टर IMA नामित किया गया। आईएमए से पासआउट होने के बाद उन्हें पैरा स्पेशल फोर्सेज (पैरा SF) मिल गई।
4 पीड़ियों से दे रहे सेना में सेवा
आकाश राणा भारतीय सेना में सेवा देने वाले अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं। आकाश के परदादा और दादा भी फौज में थे। उसके बाद आकाश के पिता भी 69th आर्मर्ड रेजिमेंट में ऑफिसर थे। अब आकाश भी भारतीय सेना में ऑफिसर बन गए हैं।