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कोटद्वार : 3 दिवसीय कण्वाश्रम मेले के पश्चात NSS स्वयंसेवकों एवं समाज सेवी लोगों ने चलाया स्वच्छता अभियान

उत्तर नारी डेस्क 

आज 3 फरवरी को हिमालय के दक्षिण में समुद्र के उत्तर में भारत वर्ष है जहां भारत के वंशज रहते हैं” आज उस पावन धरा पर मौजूद होकर जहां हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत तथा शकुंतला के गंधर्व विवाह के पश्चात भरत का जन्म हुआ। कालांतर में शकुंतला के इसी पुत्र भरत अर्थात चक्रवर्ती राजा भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा। वह स्थान जहां वेद ऋचाओं की स्वर लहरियों से गुंजायमान विशुद्ध वातावरण, पवित्र होम की धूम का सघन वन में विचरण एवं विद्यार्थियों द्वारा अनेक क्रियाकलापों से भविष्य के लिए संस्कृतियों एवं सभ्यताओं के उपार्जन हेतु ज्ञान-विज्ञान, खोज, अविष्कार, उपचार, सिद्धांतों की बुनियाद खोदी जाती रही होगी। मालिनी नदी के दोनों तटों पर छोटे-छोटे आश्रम के रुप में दृष्टिगत हैं। जहां हमारे ऋषि-मुनियों की पारंपरिक शैली में शिक्षा देने की पद्दति आज भी कण्वाश्रम गुरुकुल के रूप में देखी जा सकती है।

कण्वाश्रम उत्तराखण्ड के गढ़वाल जनपद कोटद्वार की शिवालिक श्रेणी की तलहटी में हेमकूट और मणिकूट पर्वतों की गोद में अवस्थित है जो कि पुरातात्त्विक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। जो पवित्र मांलन नदी के तट से एवं सघन जंगलों से घिरे हुए इस कण्वा‌श्रम को एक प्राचीन पवित्र भूमि माना गया है। जहां ऋषि कण्व व विश्वामित्र जैसे महान ऋषि ध्यान किया करते थे। कण्वाश्रम में चारों वेद, व्याकरण, छन्द, निरूक्त, ज्योतिष, आयुर्वेद, कर्मकांड आदि के अध्यापन की व्यवस्था थी।

आज बसंत पंचमी के पावन पर्व पर उस ऐतिहासिक भूमि में 3 दिवसीय भव्य कण्वाश्रम मेले के पश्चात आज अनेक NSS स्वयंसेवकों एवं समस्त पर्यावरण मित्र एवं समाज सेवी लोगो के माध्यम से एक वृहद स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिसमें आज उस पवित्र भूमि की स्वच्छता करने में अपना एक अमूल्य योगदान सभी के द्वारा प्रदान किया गया।

मेला समिति के समस्त पदाधिकारी गणों एवं एम.के.वी.एन कलालघाटी कोटद्वार, राजकीय इंटर कॉलेज झंडीचौड़ एवं कन्या विद्यालय कलालघाटी कोटद्वार  विद्यालय से आए  NSS स्वयंसेवको के एवं ग्रीन आर्मी देवभूमि उत्तराखण्ड की ओर से स्वयं एवं स्वयंसेवकों के  संयुक्त अथक प्रयास से आज वृहद स्वच्छता अभियान पूर्ण हो पाया। जिसमें मेला समिति के अध्यक्ष द्वारा कण्वाश्रम के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व को सभी स्वयंस्वकों से साझा किया गया।एवं सभी से एक आव्हान किया गया कि स्वच्छता का संकल्प, सेवा का अभियान! के ध्येय को पूर्ण करते हुए कण्वाश्रम महोत्सव की शुभ समाप्ति के उपरांत, पतित पावनी सदानीरा मालनी नदी के तट पर स्थित कण्वाश्रम ऐतिहासिक एंव राष्ट्रीय धरोहर है। अतः हम सभी आगंतुकों से प्रार्थना है कि इस स्थान पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए प्लास्टिक व अन्य कचरा न फैलाएँ। हमारे गर्व के विषय को गंदा करके शर्मसार न करें।

इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी नीतेश सर (एम.के.वी.एन कलालघाटी कोटद्वार), ऋतु  सिंह, एवं भावना पांडे (राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, कलालघाटी कोटद्वार), ग्रीन आर्मी देवभूमि उत्तराखंड के अध्यक्ष शिवम नेगी एवं कण्वाश्रम महोत्सव मेला समिति के अध्यक्ष राजगौरव नौटियाल, वीरेंद्र भारद्वाज (सहसंयोजक), जगमोहन रावत (सह संयोजक), सदस्य मोहित कंडवाल, आशु नेगी, मनीष भट्ट, जगतराम डबराल, राजेंद्र प्रसाद, शशिकांत जोशी, प्रमोद जोशी, विजय प्रकाश ध्यानी, रजनीश बेबनी, आशीष रौतेला, गौरव रावत आदि समस्त पर्यावरण मित्र एवं स्वयंसेवक मौजूद रहे।

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