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उत्तराखण्ड : आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े के विरुद्ध सरकार का एक्शन

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड में बढ़ रहें आयुष्मान योजना फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने नई व्यवस्था लागू की है। अब आयुष्मान कार्ड केवल उन्हीं लोगों के लिए मान्य होंगे जिनका राशन कार्ड खाद्य विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर प्रदर्शित होगा।

आपको बता दें, कि इस कदम का उद्देश्य उन लोगों को लाभ से बाहर करना है जिनका राशन कार्ड फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बना था या जिनका राशन कार्ड हाल ही में निरस्त किया गया था। 

आपको बताते चलें, कि में आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड होना अनिवार्य है। लेकिन खाद्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक बड़े अभियान के दौरान लगभग एक लाख लोगों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए थे, जिनकी वार्षिक आय पांच लाख रुपए से अधिक थी। हालांकि, ये लोग पहले ही अपने निरस्त राशन कार्ड के आधार पर आयुष्मान कार्ड बनवा चुके थे और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले रहे थे।

अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने उन लोगों के आयुष्मान कार्ड की सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिनका राशन कार्ड खाद्य विभाग के पोर्टल पर दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे लोगों के आयुष्मान कार्ड को निरस्त किया जा रहा है ताकि केवल पात्र लोग ही योजना का लाभ उठा सकें।

इससे पहले 25 दिसंबर 2018 को उत्तराखण्ड सरकार ने अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी, और अब तक लगभग 54 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इनमें से करीब 12.5 लाख लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। सरकार ने इस योजना के तहत अब तक लगभग 2300 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। स्वास्थ्य प्राधिकरण की इस पहल से राज्य में आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े को रोकने और गरीब व पात्र लोगों को ही लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

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