उत्तर नारी डेस्क
चमोली जिले के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन की घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर बचाव अभियान को तेज करने के निर्देश दिए। साथ ही, जोशीमठ में आपदा कंट्रोल रूम स्थापित करने का आदेश दिया गया।
अब तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमें से 4 को आईटीबीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बर्फ हटाने के लिए बीआरओ की स्नो कटर मशीनें लगातार काम कर रही हैं। एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी माणा क्षेत्र में बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि घायलों को एयर एंबुलेंस के जरिए एम्स ऋषिकेश पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री ने माणा स्थित हेलीपैड को प्राथमिकता के आधार पर सक्रिय करने के निर्देश दिए। उन्होंने ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से निगरानी और बचाव कार्य को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। साथ ही, जोशीमठ स्थित आर्मी अस्पताल, जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में घायलों के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हिमस्खलन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना है। आईटीबीपी, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायुसेना की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। खराब मौसम के बावजूद, स्नो एक्सपर्ट्स की मदद से बचाव कार्य जारी है। प्रभावितों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाए हुए है। प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से भी बातचीत की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि किसी अतिरिक्त एजेंसी की आवश्यकता होगी, तो उनकी मदद तुरंत ली जाएगी।
मुख्यमंत्री ने चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी से वर्चुअल माध्यम से घटना की विस्तृत जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम से 6 किमी आगे हुआ, जहां सीमा सड़क संगठन के मजदूर मौजूद थे। आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं।
मुख्यमंत्री ने रात 8 बजे फिर से आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सभी एजेंसियां युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं, और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भारी वर्षा और हिमपात की स्थिति को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में रिस्पॉन्स टाइम को कम से कम रखा जाए। सभी जिलों में आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय रखने के आदेश दिए गए हैं।