उत्तर नारी डेस्क
कश्मीर की वादियां एक बार फिर दहशतगर्दों की गोलियों से थर्रा उठी । आतंकियों ने अनंतनाग जिले के पहलगाम में खुलेआम नरसंहार किया है। जिन वादियों में देशभर से सैलानी घूमने पहुंचे थे, उसी वादी में दहशतगर्दों ने सैलानियों का पहले धर्म पूछा और फिर मौत के घाट उतार दिया।
दहशतगर्दों ने एक-दो नहीं, बल्कि 28 सैलानियों को चुन-चुन कर मारा और कई इस हमले में घायल है। दहशतगर्दी का ऐसा खौफनाक खेल खेला गया कि सुनकर किसी की भी रूह कांप उठे।
इस दौरान देहरादून निवासी चौहान पहलगाम का परिवार भी वहां मौजूद था। हमले से कुछ घंटे पहले ही वह और उनका परिवार उस स्थान की ओर रवाना होने वाले थे, जहां आतंकी हमला हुआ। फ़िलहाल कश्मीर से लौटा चौहान परिवार अब राहत की सांस ले रहा है।
आपको बता दें, कि केएस चौहान प्रदेश सरकार के सूचना एवं लोक संपर्क विभाग में संयुक्त निदेशक पद पर कार्यरत हैं। वह पत्नी सुमित्रा, बेटे विनोद और बेटी अनन्या के साथ 19 अप्रैल को कश्मीर घूमने गए थे।
चौहान परिवार आतंकी घटना के बाद होटल लौट गए थे, लेकिन पूरी रात दहशत में काटी। देर रात उन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन किया और कुशल क्षेम पूछी। सीएम ने उन्हें हर तरह की मदद का भरोसा दिया।
उनका कहना है कि जम्मू से लेकर पहलगाम तक सड़क के दोनों ओर सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे।पहलगाम घूमने और सैर के दौरान उन्हें कहीं से भी ऐसा एहसास नहीं हुआ कि वे किसी असुरक्षित स्थान पर हैं। हजारों की संख्या में पर्यटक वहां पहुंचे थे और स्थानीय लोग भी खूब घुले-मिले थे।
इन सबके बीच किसी आतंकी हमले की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। हम पहलगाम से उस स्थान की ओर पैदल मार्ग से जाने की तैयारी कर रहे थे, जहां आतंकी हमला हुआ। लेकिन रवाना होने से ठीक पहले सूचना आई कि वहां आतंकी हमला हो गया है।
देखते-देखते वहां भगदड़ मच गई। सेना, पुलिस और अर्द्ध सैनिक बल चप्पे-चप्पे में फैल गए। सघन जांच अभियान तेज हो गया। हम भी बहुत मुश्किल से होटल पहुंचे। चौहान के मुताबिक, इस घटना से स्थानीय लोग बहुत चिंतित थे।
उनका मानना था कि आतंकियों ने पर्यटकों को नहीं बल्कि उनकी रोजी-रोटी पर हमला बोला है। हजारों की संख्या में पर्यटक घाटी से लौटने लगे हैं। पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।