उत्तर नारी डेस्क
भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत उत्तराखण्ड सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने एक और महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। जहां देहरादून सेक्टर की ट्रैप टीम ने आज सोमवार, 19 मई को हरिद्वार जिले के रुड़की स्थित अपर तहसीलदार कार्यालय में तैनात पेशकार रोहित को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई स्वतन्त्र गवाहों की मौजूदगी में पूरी पारदर्शिता के साथ की गई।
जानकरी अनुसार, शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान की टोल फ्री हेल्पलाइन 1064 पर दर्ज शिकायत में बताया कि उसकी बहन की कृषि भूमि से संबंधित एक मामला तहसीलदार न्यायालय, रुड़की में विचाराधीन था। इस प्रकरण में न्यायालय द्वारा दिनांक 24 मार्च 2025 को एकपक्षीय आदेश पारित किया गया था। उक्त आदेश को चुनौती देते हुए शिकायतकर्ता ने 21 अप्रैल 2025 को न्यायालय में पुनः सुनवाई हेतु एक रेस्टोरेशन प्रार्थना पत्र दायर किया.शिकायत के अनुसार, इस प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई आगे बढ़ाने के एवज में कार्यालय में तैनात पेशकार रोहित द्वारा 25,000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई। शिकायतकर्ता इस भ्रष्ट आचरण से व्यथित होकर सीधे सतर्कता अधिष्ठान से संपर्क में आया।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सतर्कता अधिष्ठान देहरादून की ट्रैप टीम ने जाल बिछाया और सोमवार को रोहित पुत्र रामपाल सिंह, निवासी मकान संख्या 273, ग्राम कस्बा रुड़की, जनपद हरिद्वार को दस हजार रुपये की प्रथम किस्त लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम ने पूरी कार्रवाई स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में संपन्न की, जिससे गिरफ्तारी पूरी तरह प्रमाणिक और वैध रही।
गिरफ्तारी के बाद सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने आरोपी पेशकार रोहित के आवास व अन्य संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर संपत्ति की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या आरोपी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।
सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक डॉ. वी. मुरूगेसन ने ट्रैप टीम की इस सफल कार्रवाई की सराहना करते हुए उन्हें नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
सतर्कता अधिष्ठान ने प्रदेश की आम जनता से अपील की है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करता है, रिश्वत की मांग करता है या फिर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करता है, तो उसकी सूचना तत्काल सतर्कता अधिष्ठान की टोल फ्री हेल्पलाइन 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर दें। सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।