उत्तर नारी डेस्क
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार एक बार फिर छात्रों की समस्याओं को लेकर सवालों के घेरे में है। ताजा मामला उत्तर पुस्तिकाओं में हुई गड़बड़ी से संबंधित सामने आया है, जहां छात्रों द्वारा समय रहते इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के चलते न तो समय पर कार्रवाई हुई और न ही कोई समाधान निकल पाया।
जब छात्रों को कई दिनों तक महाविद्यालय से कोई जवाब नहीं मिला तों स्थिति जानने के लिए छात्र विश्वविद्यालय पहुंचे। जब संबंधित अधिकारी से संपर्क किया गया, तो स्पष्ट हुआ कि कॉलेज प्रशासन ने अब तक कोई आधिकारिक मेल नहीं भेजा है।
यह खुलासा कॉलेज प्रशासन द्वारा की गयी लापरवाही को उजागर करता है। जब छात्रों ने कॉलेज से इस संबंध में जानकारी मांगी गयी तो संबंधित कर्मचारी ने कहा कि आपका पत्र हमने प्राचार्य जी को व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड कर दिया था।
इस पूरी स्थिति ने कॉलेज प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या अब शासकीय कार्यों को औपचारिक पत्राचार की बजाय मोबाइल ऐप्स पर संचालित किया जा रहा है? क्या इस कारण छात्रों के भविष्य के निर्णय भी “seen” और “delivered” की स्थिति पर निर्भर हो गए हैं?
जब छात्र प्राचार्य डॉ. डीएस नेगी से मिले, तो उन्होंने संबंधित कर्मचारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिकायतों को विश्वविद्यालय को मेल करना अनिवार्य है। यह मामला सिर्फ एक तकनीकी गलती नहीं, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ लापरवाही भरा मज़ाक है।