उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के रानीखेत वन क्षेत्र में पहली बार थाईलैंड का राष्ट्रीय पक्षी ‘सियामीज़ फायरबैक’ दिखाई दिया है। जिसकी तस्वीर कैमरे में कैद हुई है। सियामीज़ फायरबैक के दिखाई देने से प्रकृति और पक्षी प्रेमी खुश हैं। बताया जा रहा है कि कुमाऊं मंडल विकास निगम के अंतर्गत रानीखेत गैस सर्विस के प्रबंधक सुरेंद्र सिंह जलाल ने बिनसर महादेव मंदिर से करीब 600 मीटर दूर घने जंगल में इसको अपने कैमरे में कैद किया है।
आपको बता दें, यह राष्ट्रीय पक्षी ‘सियामीज़ फायरबैक’ आमतौर पर उष्णकटिबंधीय और नम वनों में पाया जाता है। जिसकी लंबाई नर– 75–80 सेमी व् मादा– 55–60 सेमी की होती है। इनका वजन-1.2 से 1.5 किलोग्राम तक का होता है। रानीखेत में इसकी उपस्थिति दर्शाती है कि यहां का पर्यावरण अभी भी संतुलित और जैविक रूप से संपन्न है।
यह पक्षी सामान्यतः थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया और वियतनाम के घने, नम जंगलों में पाया जाता है। इसके धूसर रंग की देह, चमकीले नीले-नारंगी पंख, लाल चोंच और शालीन चाल इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं। सूरज की रोशनी में इसके पंखों की धात्विक चमक किसी चित्रकला से कम नहीं दिखती है। पर्वतीय क्षेत्र में इसका दिखना स्थानीय वन्यजीवों और प्राकृतिक आवास की गुणवत्ता को दर्शाता है। यह ‘अल्प चिंता’ वर्ग में आता है।
सियामीज़ फायरबैक का प्रजननकाल आमतौर पर मार्च से जून तक होता है। नर पक्षी पंख फैलाकर नृत्य के अंदाज में मादा को आकर्षित करता है। मादा जमीन के पास घोंसला बनाकर 4–6 अंडे देती है। यह स्वभाव से सतर्क, शर्मीला और ज्यादातर समय जमीन पर चहलकदमी करता पाया जाता है।
वहीं, फोटोग्राफर एवं प्रबंधक, रानीखेत गैस सर्विस सुरेंद्र सिंह जलाल का कहना है कि जब यह पक्षी बिनसर महादेव के आगे जंगल में दिखा तो पहले मुझे यकीन नहीं हुआ। वास्तव में सच सामने होने पर इसकी फोटो खींचना मेरे लिए एक अद्भुत और यादगार अनुभव था। इस दुर्लभ पक्षी का यहां दिखना हमारे पहाड़ों की जैव विविधता के लिए खुशी की बात है।